बिहार की ज्योति इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) में तीसरे रैंक के साथ कंप्यूटर वैज्ञानिक बन गई है। यह पूरे बिहार के लिए गौरव का विषय है। बिहार के मुज्जफरपुर की रहने वाली ज्योति शुरू से ही मेधावी छात्रा रही है, पिता प्रोफेसर है।
ज्योति ने मुजफ्फरपुर के होली मिशन स्कूल से दसवीं की पढ़ाई के बाद बारहवीं में साइंस संकाय से 95.5 अंक प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग सेक्टर में भविष्य संवारने की सोची। ज्योति ने भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से 2019 में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई पूरी की। कोल इंडिया उसके बाद नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर में भी नौकरी का भी अवसर मिला।
ज्योति कोल इंडिया रांची में एक्जीक्यूटिव की नौकरी करने का के साथ ही वैज्ञानिकों बनने ख्वाहिश को नहीं छोड़ा, इसके लिए वह तैयारी करती रहीं। बीते साल ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) द्वारा वैज्ञानिक के पदों के लिए 12 जनवरी को ही प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थी। प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद इसी साल के 16 मार्च को साक्षात्कार हुआ। साक्षात्कार में पास होने के बाद ऑल इंडिया में तीसरा रैंक पर ज्योति ने कब्जा जमाया। जिसके बाद उनका चयन वैज्ञानिक के लिए हुआ।
ज्योति के इस कामयाबी से उनका परिवार बेहद खुश है। इसरो जैसे संस्थानों में नौकरी पाना ज्योति की प्रतिभा को दिखाता है। बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) भारत भारत के लिए विशिष्ट उत्पाद एवं उपकरणों का विकास प्रदान करता है। इसरो ने अंतरिक्ष में अब तक देश के लिए कई सफल और ऐतिहासिक परीक्षण किए हैं। मौसम का पूर्वानुमान, भोगौलिक शिक्षा का प्रसारण करना, शिक्षा से संबंधित प्रसारण संचार का पता लगाना इसरो का प्रमुख कार्य है।