आज के समय में बिहार के लगभग हर इलाके में रेलगाड़ियां चलने लगी हैं। बिहार में ट्रेन की शुरुआत मुगलसराय से पटना, किउल और झाझा के रास्ते हावड़ा तक ट्रैक बिछाने के साथ हुई। क्या आप जानते हैं कि बिहार का सबसे मुख्य रेलवे स्टेशन कौन सा हुआ करता था और यह किस समय की बात है.? लेकिन यह पटना जंक्शन नहीं है। पटना का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन 161 साल का हो गया है। वर्तमान का पटना जंक्शन काफी समय बाद का है। इस स्टेशन का निर्माण कैसे हुआ, आज हम इसी के बारे में बताएंगे।
ब्रिटिश हुकूमत 1861 में पटना स्टेशन के रूप में बना हुआ पटना साहिब यानी पटना सिटी स्टेशन 161 साल का हो गया है। बता दें कि इसे सन् 1862 में दानापुर-लखीसराय रेलखंड के साथ स्थापित हुआ। दानापुर से फतुआ और दानापुर के बीच रेलवे लाइन के दोहरीकरण का काम 1867 में संपन्न हुआ। एक समय में लोग पटना साहिब स्टेशन को बेगमपुर स्टेशन के नाम से जानते थे। वृद्ध बताते हैं कि कुछ समय के लिए यह स्टेशन बांकीपुर स्टेशन के नाम से भी जाना जाता था। जब गया रेलवे लाइन से पटना जुड़ा तब साल 1839 में पटना जंक्शन की स्थापना हुई। इसके बाद पुराने पटना स्टेशन का पटना सिटी कर दिया गया।
पटना सिटी स्टेशन से 1.5 किमी की दूरी पर सिखों के दसवें गुरु श्री गोविंद सिंह का जन्म स्थल है। तकरीबन 40 साल पहले उस समय के रेल मंत्री सरदार बूटा सिंह ने पटना सिटी स्टेशन को पटना साहिब कर दिया। 5 जनवरी 2017 को श्री गुरु गोविंद सिंह के 350 वें प्रकाशोत्सव के मौके पर स्टेशन को आधुनिक रूप से तैयार किया गया।
बिहार की प्रमुख मंडी मंसूरगंज, महाराजगंज, मच्छरहट्टा, मारूफगंज, रामबाग में रोजाना हजारों बिजनेसमैन खरीदारी करने के लिए आते हैं। व्यवसायियों का कहना है कि साल 2015 से मालगोदाम बंद हो जाने से परेशानी है। रेलगाड़ियां कम समय तक रूकती है जिस वजह से पार्सल की भी बुकिंग बंद है।
मौजूदा समय में यह स्टेशन दानापुर रेल मंडल के अधीन है। पटना के 6 प्रमुख स्टेशनों में पटना साहिब का नाम शामिल है। पटना साहिब स्टेशन दिल्ली से कोलकाता मुख्य लाइन वाया मुगलसराय जंक्शन रूट को जोड़ता है। यहां रोजाना 125 से अधिक रेलगाड़ियां रूकती है। रोजाना इस स्टेशन से 50,000 से ज्यादा यात्रियों की आवाजाही होती है।
पटना साहिब स्टेशन के वाणिज्य निरीक्षक एसएन सिंह ने बताया कि 160 साल पुराने पटना साहिब स्टेशन में यात्रियों के लिए एनएसजी 4 ग्रेड की सुविधा उपलब्ध है। स्थानीय राजेश शुक्ला कहते हैं कि देश के प्रमुख स्टेशनों में राजधानी छोड़कर सभी ट्रेनों का ठहराव पटना साहिब स्टेशन पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाटलिपुत्र से चंडीगढ़ के लिए चलने वाली ट्रेन को पटना साहिब स्टेशन पर रहने की व्यवस्था करनी चाहिए।