बिहार में उत्पादित वस्तुओं को ऑनलाइन बेचने की कवायद शुरू हो चुकी है। देश के किसी भी कोने में बैठे लोग भागलपुर के जर्दालू आम और कतरनी चावल का स्वाद चख सकेंगे। कृषि विभाग के आला अधिकारी ऑनलाइन मार्केटिंग करने वाली कंपनियों से संपर्क साध रहे हैं। कंपनियों से समझौता होते ही भागलपुर के उत्पादों को ऑनलाइन मार्केट में बेचा जाएगा। भागलपुर का मशहूर कतरनी चावल, जर्दालू आम के साथ ही अन्य जैविक उत्पाद ऑनलाइन मार्केट में लोगों के लिए उपलब्ध होगी।
बता दें कि भागलपुर में उत्पादित होने वाली कतरनी चूड़ा, चावल और जर्दालू आम को जीआई टैगिंग भी मिल चुका है। जिले के सुल्तानगंज प्रखंड, रतनपुर और शाहकुंड प्रखंड के किसानों को जैविक विधि से कतरनी की खेती के लिए आत्मा द्वारआ लगातार ट्रेनिंग भी दिया जा रहा है। कृषि अधिकारी बताते हैं कि जैविक कतरनी के उत्पादन में धीरे-धीरे इजाफा देखने को मिल रहा है। यही कारण था कि पिछले 2 सालों से बिहार सरकार द्वारा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई विशिष्ट अतिथियों को मकर संक्रांति के अवसर पर संदेश के रूप में कतरनी चूड़ा गिफ्ट दिया जाता है।
कृषि अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन मार्केट से उत्पादों को जोड़ने के लिए उत्पादक समूहों के माध्यम से सामानों की आपूर्ति होगी। कृषक उत्पादक समूह छोटे किसानों से जर्दालू, कतरनी चूड़ा और चावल की खरीदारी करेंगे। ऑनलाइन कंपनी के द्वारा ऑर्डर के हिसाब से मालों की आपूर्ति होगी। पैकिंग ये सब चीज के व्यवस्था होने से युवाओं को रोजगार मिलने की भी संभावना है।