बिहार से उत्तर प्रदेश का आवागमन सुलभ हो गया है। नैनीजोर में गंगा नदी पर वाहनों का परिचालन शुरू हो गया है। पुल निर्माण से दोनों राज्य के लोगों को फायदा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों की दूरी लगभग 40 से 50 किलोमीटर कम हो गई है। बता दें कि पुल निर्माण निगम हर साल ब्रह्मपुर अंचल के दियारा क्षेत्र के नैनीजोर में गंगा नदी पर पुल बनाया जाता है। बरसात का मौसम शुरू होने पर 4 महीने के लिए पुल खोल दिया जाता है फिर 3 महीने में पुनः पीपा पुल का निर्माण किया कर दिया जाता है। नैनीजोर के बिहार घाट पर पीपा पुल बनाने का टेंडर पुल निर्माण निगम को 5 साल के लिए दिया गया है।
पुल निर्माण होने से बक्सर और सीमावर्ती भोजपुर जिले के दियारा क्षेत्रों के ग्रामीणों को बेहद फायदा होता है। यूपी के बलिया से आवागमन आसान हो जाता है। शादी-विवाह, व्यापार, बाजार और शिक्षा आदि कार्यों के लिए बड़ी संख्या में लोग दोनों राज्यों के बीच आते-जाते हैं। चार महीने बरसात के मौसम में पुल को खोल दिए जाने के बाद नाव ही आवागमन का एकमात्र सहारा है। लंबे समय से ग्रामीण बिहार घाट पर पक्का पुल निर्माण करने की मांग कर रहे हैं।
बड़ी संख्या में किसान नैनीजोर और आसपास ग्रामीण क्षेत्रों के उस पार बलिया जिले में अपने खेतों में खेती करने के लिए जाते हैं। तकरीबन 5000 एकड़ से भी ज्यादा खेत किसानों का उस पार बलिया जिले के सीमा क्षेत्र में खेती करने के लिए जाना पड़ता है। किसान ट्रैक्टर और खाद लेने के लिए इसी पुल के सहारे आते और जाते हैं। अनाज और जरूरत के सामान भी इसी पुल से लाई जाती है। दियारा क्षेत्र के ग्रामीणों की सुविधा के लिए बना यह पुल बालू तस्करी करने वाले लोगों के लिए भी सुरक्षित रास्ता बन जाता है।