बहुत जल्द बिहार से नेपाल के बीच पटरी पर ट्रेन दौड़ती नजर आएगी। बिहार से नेपाल तक रेलवे परिचालन की लगभग तैयारी पूरी हो चुकी है। नए साल की शुरुआत में ही 34.5 किलोमीटर लंबी भारत-नपाल रेल सेवाएं लोगों के लिए बहाल होने की संभावना है। रेलवे की ब्रांच इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड को जयनगर से कुर्था, कुर्था से बिजिलपुरा और बिजिलपुरा से बर्दीबास तक 3 फेज में इस काम को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो 68 किलोमीटर के हिस्से को कवर करती है।
ईसीआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) राजेश कुमार बताते हैं कि जयनगर से कुर्था तक रेलवे परियोजना का काम पहले ही पूरा कर लिया गया है। बता दें कि कोंकण रेलवे ने सितंबर 2020 में कम से कम 10 डेमू कोच नेपाल सरकार को सौंपा था। किन्हीं कारणों के चलते दोनों पड़ोसी देशों के बीच रेलवे सेवाएं बहाल नहीं हो सकी थी। हालांकि, नेपाल सरकार ने कोंकण रेलवे को नेपाल में बेकार पड़े डेमू कोचों का पूरी तरह से देखरेख करने की बात कहीं है।
अधिकारी बताते हैं कि मौजूदा समय को देखते हुए नेपाल सरकार ने यात्रियों की आवश्यकता पूर्ण करने के उद्देश्य से जयनगर और कुर्था के बीच दोनों दिशाओं में अप और डाउन पांच डिब्बों की भार संरचना वाली डेमू यात्री ट्रेनें चलाने की बात कहीं है। दोनों स्टेशनों के बीच रेलवे सेवा की शुरुआत होने के बाद भारत और नेपाल दोनों के एक्सपर्टों की एक संयुक्त टीम ट्रैक फिटनेस का मुआयना करेगी और कुर्था-बिजिलपुरा मार्ग पर एक रैपिड परीक्षण करेगी।
14.5 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर बने ढांग गुड्स शेड सीतामढ़ी, चंपारण, शिवहर और नेपाल इलाके कारोबारी वर्ग के लोगों को उनकी बुक की गई खेपों को लोड या अनलोड करने में भी खासा मदद करेगी। बता दें कि हाल ही में नेपाल सरकार की परिवहन मंत्री रेनू यादव ने नेपाल के इनर्वा रेलवे स्टेशन का मुआयना किया था। उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के बीच आपसी संबंध रिश्तेदारों जैसे रहे हैं। रेलवे के परिचालन शुरू होने से दोनों देशों के संबंध में और भी मधुरता आएगी।
Source- Navbharat Times