मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दोनों जनता की फरियाद सुनने के लिए जनता दरबार लगा रहे हैं। आज सीएम नीती जनता दरबार के कार्यक्रम में उस वक्त आगबबूला हो गए। जब उनके सामने एक के बाद एक दर्जन भर ऐसी शिकायतें आईं, जिसमें प्रशासन की खामियां थीं।
लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ शिकायत सुनकर सीएम नीतीश काफी गुस्से में आ गए। उन्होंने तत्काल मुख्य सचिव से लेकर आमिर सुबहानी तक जैसे वरिष्ठ अफसरों को एक लाइन से खड़ा कर सुना दिया कि आखिरकार किस तरीके से प्रशासन के लोग काम कर रहे हैं।
हुआ यूं कि एक बुजुर्ग फरियादी ने मुख्यमंत्री से आकर कहा कि “मैंने पत्नी के नाम पर एक कट्ठा जमीन लिया था। उसमें से थोड़ा सा जमीन भू-अर्जन में चला गया.।मैंने भू-अर्जन पदाधिकारी से शिकायत की मेरे जमीन का मुझे पैसा मिलना चाहिए। भू-अर्जन पदाधिकारी ने मेरी शिकायत नहीं सुनी। लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत शिकायत करने के बाद मुझे धमकाया गया।
बता दें कि हर सोमवार को अलग-अलग विभागों से संबंधित मामले जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सुने जाते हैं।
लोगों की शिकायतें सुनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तत्काल शिकायतों का निवारण का निर्देश संबंधित विभाग के पदाधिकारियों और मंत्रियों को देते हैं।