बिहारशरीफ-नवादा रेलमार्ग के सर्वे का कार्य पूर्ण हो गया है। रेलवे बोर्ड को सर्वे रिपोर्ट दे दी गयी है। स्वीकृति मिलते ही निर्माण आरंभ किया जाएगा। सर्वे टीम ने बताया कि नई रेलरुट का निर्माण बेहद लाभकारी सिद्ध होगा। इसपर साल 2042 तक यात्रियों की संख्या दोगुनी होगी। बुद्ध और जैन सर्किटों में आने वाले नालंदा से नवादा और पावापुरी को कनेक्ट का प्लान के तहत नई रेललाइन को जमीन पर उतारने हेतु सर्वे कराया गया है। हाल में हाजीपुर में संसदीय कमेटी की हुई मीटिंग में महाप्रबंधक ने सांसद कौशलेन्द्र कुमार को भरोसा दिया है कि जल्द नई रेललाइन की स्वीकृति मिलेगी। सांसद ने कहा कि इसके निर्माण होने से जिले के लोगों का सफर पहले के मुकाबले ज्यादा सुलभ हो जाएगा।
भगवान महावीर की महापरिनिर्वाण जमीन पावापुरी को रेलमार्ग से कनेक्ट करने की मांग को पूर्ण करने हेतु बिहारशरीफ-नवादा रेलरुट का सर्वे किया या गया है। इसके निर्माण होने से जैन धर्मावलंबियों को पावापुरी और नवादा आने-जाने में काफी सुविधा होगी। जैन पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। इसके वजह से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। उनकी आय में वृद्धि होगी। बिहारशरीफ-नवादा रेल रुटों को निर्माण हेतु अब केवल केन्द्र की मंजूरी की प्रतीक्षा है।
बिहारशरीफ से नवादा तक 33.10 किमी लंबा रेलखंड का निर्माण होगा। इसका 16.4 किमी हिस्सा नालंदा तो बाकी 16.7 किमी नवादा में होगा। इसके बनाने पर 10 अरब 7 करोड़ 58 लाख 70 हजार रुपये खर्च आने का अनुमान है। इस रेलमा के तहत चार स्टेशन और एक हॉल्ट निर्माण की अनुशंसा की गयी है। इस रेलरुट को 25 टन से ज्यादा लोड योग्य बनाया जाना है। इसके मध्य 67 बड़े तो दो छोटे पुल बनेंगे। 15 आरयूबी तो दो रेल ओवरब्रिज निर्माण का प्रस्ताव है।
अधिकारी कहते हैं कि बिहारशरीफ-नवादा रेलरुट की सर्वे रिपोर्ट को गंभीरता से पढ़ा गया है। इसके बनने से रेलवे की आय बढ़ेगी। इसके साथ दो जिलों के लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर लाभ मिलेगा। वहीं, देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों का सफर सस्ता, सहज और सुलभ व हो जाएगा।