बिहार में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की दिशा में सरकार चिंतित है और इसको लेकर बड़ी प्लानिंग की जा रही है। आइटी विभाग के विशेष सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने आने वाले दिनों में आइटी गतिविधियों में इजाफा करने हेतु पटना बिहटा में आइटी पार्क और डाकबंगला व बंदरबगीचा में आइटी टावर निर्माण परिकल्पना से अवगत कराया। राजधानी के होटल मोर्या में शनिवार को सीडैक के 35वें स्थापना दिवस के मौके पर उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट बनाने की दिशा में यह उपयोगी साबित होगा।
सीडैक को बीते 35 वर्षों की उपलब्धियों पर शुभकामनाएं देते हुए पूर्व राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक, पीएमओ डॉ गुलशन राय ने राजधानी पटना को सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी इस्तेमाल के सेंटर के तौर पर डेवलप करने की बात कही। डॉ गुलशन ने इ-गवर्नेंस और साइबर गवर्नेंस को आगामी दिनों की जरूरत बताते हुए उस ओर तैयार रहने की सलाह दी। इस दौरान कार्यक्रम में विशेषज्ञ उपस्थित रहें।
अगले महीने से एकीकृत इमरजेंसी नंबर 112 का इस्तेमाल शुरू हो जायेगा। सीडैक के 35वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए एडीजी, मुख्यालय जीएस गंगवार ने कहां की बहुत जल्द पटना में इसे शुरू करने जा रहे हैं और आने वाले एक से दो महीने में यह उपयोग में आने लगेगा।
इस एक नंबर पर ही फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस और पुलिस सहायता की सुविधा उपलब्ध होंगे और जीपीएस की मदद से जरुरतमंद व्यक्ति को पास की पुलिस की गश्ती दल की तुरंत मदद करेगी। इसके लिए हर दो से तीन किलोमीटर के डिस्टेंस पर पुलिस की गश्ती दल को मुस्तैद किया जाएगा। सीडैक की महत्वपूर्ण भूमिका को बताते हुए उन्होंने कहा कि शहर में तैनात सीसीटीवी की मॉनिटरिंग हो या स्मार्ट सिटी की अवधारणा सभी में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की काफी अहम भूमिका है।
उन्होंने सीडैक के निदेशक से आग्रह किया कि बिहार के साथ-साथ अन्य राज्यों में स्थित सीडैक केंद्रों में पुलिस के उपयोग से जुड़ी हुई जो सॉफ्टवेयर डेवलप हुए हैं, उन सभी के विषय में एक से दो महीने में जानकारी इकट्ठा कर वे उसे बिहार के डीजीपी के साथ मीटिंग कर शेयर करें जिससे हम उनमें से आवश्यक सॉफ्टवेयरों को अपने उपयोग के लिए सेलेक्ट कर सकें। उन्होंने साइबर सेनानी के नाम से पटना पुलिस के द्वारा बनाये गये व्हाट्सएप ग्रुप के बारे में भी बताया।