ओढनी डैम लगभग 1000 हेक्टेयर के एरिया में फैला हुआ है। बांका जिले में वाटर एडवेंचर के साथ ही जिले के ओढ़नी डैम में केज टेकनोलॉजी से मत्स्य पालन होगा। मत्स्य पालन के लिए यहां 70 लाख रुपए खर्च कर 24 केज का निर्माण चल रहा है। इससे लगभग प्रतिवर्ष 10 एमटी मछली का उत्पादन बढ़ेगा। मत्स्य विभाग के द्वारा काम चल रहा है।
बता दें कि ओढनी डैम में 24 केज के निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू हो गई है। मत्स्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मछली उत्पादन में यहां पर 4 गुना बढ़ोतरी होगी। इससे मछली उत्पादन के मामले में बांका आत्मनिर्भर होगा। ओढनी डैम लगभग 1000 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैला हुआ है। अभी यहां से प्रतिवर्ष 25,000 एमटी मछली उत्पादन हो रहा है। 24 क्रेज का निर्माण हो जाने के बाद 10000 एमटी मछली का उत्पादन बढ़ेगा।
ओढनी डैम में केज तकनीक से पंगास प्रजाति के मछली का उत्पादन होगा। केज तकनीक बन जाने के बाद मत्स्य पालन के लिए निविदा निकाला जाएगा। बांका के मत्स्य पदाधिकारी संजय किस्कू ने जानकारी दी कि देश के आकांक्षी जिलों में बांका शामिल है। नीति आयोग की पहल के पश्चात ओढनी डैम में 24 केज का निर्माण चल रहा है जिससे मत्स्य पालन बढ़ेगा।