बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना अगुवानी-सुल्तानंगज महासेतु निर्माण का काम पुनः शुरू हो गया है। बीच में आए रुकावट के वजह से अब युद्ध स्तर पर काम शुरू हो गया है। जिससे मौसम का लाभ उठाते हुए काम को पूरा किया जा सके। इस साल महासेतु निर्माण काम की गति पर कई दफा रोक लग चुका है। 30 अप्रैल को सुल्तानगंज तरफ से महासेतु का एक हिस्सा टूट कर गिर गया जिसके बाद हड़कंप पहुंच गया था। इस साल गंगा में दो मर्तबा बाढ़ आई। जिसका व्यापक असर अगुवानी- सुल्तानगंज वहां सेतु निर्माण कार्य पर पड़ा।
बता दें कि सबसे ज्यादा दूरी पिलर नंबर 7 और 8 के बीच है। यह 270 मीटर दूर है। इसके बीच सेगमेंट लॉन्चिंग का काम पूर्ण हो गया है। दोनों पिलर के बीच अब केबुल का काम जारी है। इसके बाद इपोक्सी का कार्य शुरू होगा। इसके उपरांत पिलर नंबर सात तथा आठ का कार्य पूरा होगा। फिर पिलर नंबर पांच, छह, नौ, 10, 11 तथा 12 पर काम शुरू किया जाएगा। इन छह पिलरों का कार्य पूर्ण होने के बाद पुल निर्माण का कार्य संपन्न होगा। तब जाकर आवाजाही शुरू होगी।
बता दें कि 23 फरवरी 2014 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने परबत्ता के केएमडी कालेज ग्राउंड में महासेतु की नींव रखी थी। एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी ने मार्च 2015 में पुल का निर्माण कार्य शुरू किया, जो अब तक पूरा नहीं हो सका है। महासेतु लगभग 3.160 किलोमीटर लंबी है और इसके एप्रोच रोड की लंबाई तकरीबन 25 किमी है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के बढ़िया परियोजना अभियंता ने बताया कि गंगा की बाढ़ की वजह से निर्माण कार्य में देरी हुआ है। अब दोबारा काम युद्धस्तर पर चल रहा है।