ये कहना गलत नही होगा कि हमारा समाज पुरूष प्रधान है। ऐसे में काफी परिस्थितिया ऐसी होती है कि महिलाओं को समस्या का सामना करना पड़ता है जो वो करना चाहे सब कुछ अपने इक्षा से नही कर सकती कई बार उन्हें पढ़ाई और करियर से भी समझौता करना पड़ जाता है। क्योंकि एक निश्चित समयावधि के बाद माता पिता उनकी शादी कर देते हैं। जिसके बाद ससुराल में रिश्ते और जिम्मेदारियों के बंधनों में बंधकर उन्हें खुद के लिए कुछ कर पाना संभव नही हो पाता।
भागलपुर जिले में रहनेवाली नेहा ने अपने पढ़ाई और कैरियर के लिए इन बंधनों को तोड़ दिया। नेहा से समर्थन न तो माता पिता और न ही उसके ससुराल पक्ष के लोग खड़े हुए। यहां साथ दिया उन लोगों ने जो हमेशा से ही सामाजिक प्रथाओं का हवाला देकर लड़कियों के सपने को कूचल देते हैं।

आपको बता दे कि घोरघट निवासी सीताराम पंडित के पुत्र सुनील की शादी कमरगंज पंचायत के जहांगीरा निवासी गुरुदेव पंडित की पुत्री नेहा कुमारी हिंदू रिति रिवाज के साथ वैवाहिक बंधन में बंधे। शादी के लगभग डेढ़ माह बाद नेहा ससुराल से गायब हो गयी। जिसके बाद नेहा के पति सुनील ने काफी खोजबीन की। साथ ही इस मामले को लेकर नेहा के पिता ने सुलतानगंज थाने में आवेदन दिया।
जब इस बात की जानकारी नेहा को मिली तो वह घर पहुंची। इसके बाद नेहा ने घरवालों को सारा मामला बताया और कहा कि उसके ससुराल वाले उसे आगे नही पढ़ने देना चाहते जिस वजह से उसने ऐसा कदम उठाया और वह पटना चली गयी थी। नेहा ने अपने पिता को बताया कि ससुराल वाले उसे पढ़ने नहीं देना चाहते हैं। अपने माता-पिता को आपबीती सुनाने के बाद नेहा ने ग्राम कचहरी में अपने हक के लिए फरियाद लगाई।

नेहा ने बताया कि उसकी शादी सुनील से उसके इक्षा के विरुद्ध करायी गयी है। इसलिए मैं सुनील को अपना पति नही मानती हूं। शादी के बाद ससुराल गयी उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। जिसके बाद नेहा अपने कैरियर को लेकर चिंतित रहने लगी। जिसके बाद वह बिना किसी को बताए ससुराल से पटना चली गयी।
नेहा आगे की पढ़ाई करना चाहती है। ग्राम कचहरी से फरियाद के बाद ग्राम कचहरी में दोनों पक्षों को बुलाया। दोनों पक्षों को ग्राम कचहरी द्वारा सुना गया। लड़की को आगे पढ़ना है इस बात को ध्यान में रखते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया। सरपंच ने फैसला सुनाया कि अपनी रजामंदी से दोनों पक्ष अब अलग-अलग रहेंगे। नेहा और सुनील के बीच वैवाहिक संबंध नहीं रहेगा। फैसले के बाद नेहा ने कहा कि अब आगे पढ़ने और कैरियर बनाने का मौका मिलेगा। ग्राम कचहरी के फैसले के बाद दोनो स्वतंत्र हो कर जीवन यापन करेंगे।





