मखाना की लगातार बढ़ रही डिमांड को देखते हुए, अब खेती का दायरा भी साल दर साल पूर्णिया, सीमांचल और कोसी के इलाकों में बढ़ता जा रहा है। सीमांचल और कोसी के जिलों में विशेषकर वैसी जगह जहां जलजमाव के चलते कोई फसल नहीं रहा था वहां मखाना की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है। पूर्णिया में मखाना की खेती का दायरा एक लाख हेक्टेयर के पार हो गया है।
मखाना की खेती के बढ़ते एरिया के मद्देनजर मखाना की उन्नत किस्म के बीज की भी डिमांड बढ़ गई है। किसान अब तक अपने खेतों में होने वाले मखाना की बीज के रूप में इस्तेमाल करते थे मगर आप खाना की उन्नत प्रजाति के बीज मार्केट में आ गई है जिसकी डिमांड काफी है लेकिन इस बीच का प्रोडक्शन ज्यादा मात्रा में नहीम होने की वजह से आसानी से किसानों को यह उपलब्ध नहीं हो पाता है। पूर्णिया के डीएम सुहर्ष भगत ने कहा की किसानों को पर्याप्त रूप में मखाना के सबौर वन उन्नत प्रजाति की बीज बनाने के लिए सीधी नगर अंचल के चनका बोना धार और खोखा खुट्टी बनैली में राज्य का सबसे बड़ा मखाना बीज क्लस्टर निर्माण की कवायद शुरू हो गई है।
इसके लिए डीएम ने कई विभाग के अफसरों के साथ गुरुवार को खुद स्थलीय मुआयना किया और क्लस्टर बनाने का काम किसी भी सूरत में दिसंबर के पहले पूरा करने का आदेश दिया। कहा जा रहा है कि राज्य के सबसे बड़े कलस्टर में दिसंबर महीने से मखाना के बीच का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा।
पूर्णिया जिले के श्रीनगर में मखाना बीज उत्पादन का निर्माण होने वाला क्लस्टर 750 एकड़ में फैला होगा। इसके पहले मखाना के बीज प्रोडक्शन का क्लस्टर पूर्णिया के साथ ही सहरसा, मधुबनी, दरभंगा और सुपौल में था मगर वह महज 50 एकड़ का था। पूर्णिया के इस कलस्टर में 900 किसान शामिल होंगे और यहां सालाना औसतन 6000 कुंटल मखाना के उन्नत प्रजाति का बीज उत्पादित होगा। चनका में बनने वाले इस क्लस्टर को खोखा मखाना के नाम से जाना जाएगा। इसके साथ ही चनका बोना धार कलस्टर और खुट्टी बनैली को इससे जोड़ा जाएगा।
पूर्णिया के श्रीनगर में बनने वाला राज्य का सबसे बड़ा मखाना बीज उत्पादन में मछली उत्पादन का हब बनेगा। अक्टूबर महीने से मार्च महीने तक इस क्लस्टर में मत्स्य पालन और बत्तख पालन होगा। बत्तख और मत्स्य पालन मखाना बीज उत्पादन के बाद के समय में तैयार किया जाएगा। एक क्लस्टर में एक साथ तीन प्रकार के फायदा मिलने से किसानों की आमदनी में कई प्रकार की बढ़ोतरी होगी। मनरेगा योजना के तहत सबसे बड़े कलस्टर बनाने के लिए बांध बनाने का काम शुरू हो गया है।
पूर्णिया के डीएम सुहर्ष भगत ने कहा कि पूर्णिया के श्रीनगर में राज्य का सबसे बड़ा मखाना बीज प्रोडक्शन का कलस्टर का निर्माण हो रहा है। इसके लिए कई विभाग ने मिलकर एक साथ काम करना शुरू कर दिए हैं। इस क्लस्टर के तहत चयनित जगहों पर दिसंबर महीने से मखाना बीज का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
बता दें कि मखाना की खेती सीमांचल और कोसी के जिलों के साथ ही मिथिलांचल के इलाकों में बड़ी मात्रा में होती है। ऐसे में मखाना की उन्नत प्रजाति सबौर वन के बीज की डिमांड काफी ज्यादा है। पूर्णिया जिले में इस बीच के प्रोडक्शन के बाद किसानों को बीज बिक्री हेतु बहुत बड़ा मार्केट उपलब्ध होगा। यहां तक कि दूसरे देशों में भी मखाना के उन्नत प्रजाति के बीज की काफी डिमांड है।