जल्दी बिहार की राजधानी पटना वासियों को डीजल सिटी राइड बसों से निजात मिलेगी। पर्यावरण को बेहतर बनाने के मकसद से राजधानी वासियों को बहुत जल्द सीएनजी सिटी बसों में सफर करते दिखेंगे। डीजल सिटी राइड बसों को सीएनजी सिटी बसों में बदलने का काम जोरों शोरों से चल रहा है।
कहा जा रहा है कि महीने के आखिर या मई के शुरुआत से ही लगभग 50 निजी सीएनजी सिटी बसों का परिचालन राजधानी में शुरू हो जाएगा। ये बसें पटना में आ भी चुकी हैं और जिला परिवहन कार्यालय की ओर से मंजूर कर हरे और सफेद रंग में पेंट भी किया जा चुका है। मौजूदा समय में चल रही पीली बसों से सुविधा के मुकाबले ये लो-फ्लोर सीएनजी सिटी बसें कहीं ज्यादा आरामदायक व बेहतर है।
इन बसों को खरीदने में 25 से 30 लाख रुपए की लागत आती है जबकि सरकार 7.5 लाख की अनुदान दे रही है। पहले फेज में 50 बस मालिकों के लिए अनुदान की राशि मंजूर की जा चुकी है। डीटीओ श्रीप्रकाश ने जानकारी दी कि 15 अप्रैल तक इसे बस मालिकों को सौंप दिया जायेगा। उसके बाद राजधानी की सड़कों पर आने वाले 10 दिनों में सिटी बसों का परिचालन प्रारंभ हो जायेगा।
बता दें कि पटना में लगातार बढ़ते प्रदूषण लेवल को कम करने के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है। डीजल सिटी राइड बस से निकलने वाली प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए सिटी बसों को सीएनजी में बदलने की रुपरेखा तैयार की गई। सिटी बसों के बेड़े को पूरी तरह डीजल मुक्त कर दिया जाए इसके लिए बिहार राज्य सड़क परिवहन निगम 95 नई सीएनजी बस खरीदने की कवायद में जुटी है। राजधानी के लोगों के लिए अच्छी खबर है।
सरकार ने प्राइवेट पीली सीटी राइड बसों को भी पटना से बाहर करने व सीएनजी में बदलने के लिए एक बस पर 7.5 लाख सब्सिडी देने का फैसला लिया है। आठ चरणों में 50-50 बसों को शहर से बाहर भेजने को तैयारी है। शहर में फिलहाल 365 पीली सिटी राइड बसें हैं, जिनमें से प्रथम फेज में 50 बसों का चयन कर मालिकों को सब्सिडी की राशि दी जा रही है। बस मालिकों ने भी पुराने बसों के बजाय नई सीएनजी बसों का ऑर्डर दे दिया है।