देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को पूर्व मध्य रेलवे पटना रुट पर चलाने की तैयारी में तेजी से जुट गई है। रेलवे इसके लिए दो योजनाओं पर तीव्र गति से काम कर रही है। इसी साल के दिसंबर तक इन दोनों योजनाओं के पूरा किए जाने की उम्मीद है।
रेलवे ट्रैक को हाई स्पीड ट्रेनों के परिचालन के लिए सुरक्षित बनाना है मुख्य मकसद है। बता दें कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से बिहार के बक्सर, आरा, पटना, मोकामा होते हुए झाझा तक का रेलवे ट्रैक घनी आबादी वाले इलाके से होकर गुजरता है। इस वजह से रेलवे ट्रैक पर अमूमन आम लोग या मवेशी ट्रेन के चपेट में आ जाते हैं।
पटना से झाझा तक रेलवे एक ओर पटरियों को अपग्रेड कर रही है, वहीं दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से झाझा स्टेशन तक रेल पटरी के दोनों और कंक्रीट की 6 फीट ऊंची दीवार बनाई जा रही है। इस रेलखंड पर रेलवे अधिक मजबूत हाई क्वालिटी का स्लीपर पर लगा रहा है। इसे ट्रैक अत्यधिक लोड झेलने में सक्षम हो सकेगा।
मिली जानकारी के मुताबिक ट्रैक के दोनों ओर बाउंड्री बनाने के रेलवे 345 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। बताते चलें कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से झाझा तक रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों का अधिकतम स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा है। कोविड से पहले ट्रेन के अधिकतम चलने की रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटे की थी। ट्रैक और पुलियाओं को चुस्त-दुरुस्त करने के बाद है रफ्तार में भी वृद्धि हुई है। लेकिन बंदे भारत एक्सप्रेस 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है, लिहाजा ट्रक को एक बार फिर से अपग्रेड किया जा रहा है।