पटना विश्वविद्यालय में फिर से इंटरमीडिएट की पढ़ाई शुरू करने पर एकेडमिक काउंसिल ने अपनी सहमति दे दी है। इसके अलावे पटना विश्वविद्यालय में सीबीसीएस सिस्टम को लागू करने की नीति सरकार और कुलाधिपति की मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के एकेडमिक काउंसिल हॉल में सोमवार को कुलपति प्रोफेसर गिरीश कुमार चौधरी के नेतृत्व में संपन्न विश्वविद्यालय के एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में थीसिस के मूल्यांकन के संबंध में भी अहम निर्देश दिए गए।
पटना विश्वविद्यालय के स्टूडेंट वेलफेयर डीन प्रोफेसर अनिल कुमार ने जानकारी दी कि बिहार सरकार के द्वारा कुछ पूर्ववर्ती छात्रों के पटना यूनिवर्सिटी में पुणे इंटर की पढ़ाई शुरू करने की अपील पर एकेडमिक काउंसिल से मंतव्य मांगा था। इसके जवाब में एकेडमिक काउंसिल के सदस्यों ने कहा है कि सरकार ने उच्च न्यायालय में एफिडेविट देकर कहा था कि सरकार चरणबद्ध ढंग से राज्य के सभी विश्वविद्यालय के कॉलेजों से इंटरमीडिएट की पढ़ाई समाप्त करेगी।
इसके बाद पटना विश्वविद्यालय में इंटर की पढ़ाई समाप्त हुई थी। हालांकि अन्य विश्वविद्यालयों के महाविद्यालयों में अभी भी पढ़ाई चल रही है। सरकार अगर पुरानी एफिडेविट को खत्म करते हुए कहता है कि एकेडमिक काउंसिल इसे पुनः शुरू कर सकती है। लेकिन ऐसी स्थिति में सरकार को इंटर की पढ़ाई के लिए लेक्चरर के सभी पदों को पुनः बहाल करना होगा, जिन्हें इंटर की पढ़ाई बंद होने के बाद कॉलेजों से समाप्त कर दिया गया था।
बैठक में फैसला लिया गया कि पीएचडी की थीसिस के मूल्यांकन के लिए परीक्षार्थियों को प्रदेश के बाहर के दो परीक्षकों के नाम लेने होंगे। अगर कोई परीक्षा थीसिस कोई नेगेटिव पॉइंट बताता है तो उसका सुधार करके पुनः उसी परीक्षक के पास पुनः भेजा जाएगा। बैठक में कुलपति के अतिरिक्त प्रति कुलपति प्रो अजय कुमार सिंह और कुलसचिव कर्नल कामेश कुमार समेत सभी विभागों के अध्यक्ष और पटना यूनिवर्सिटी के सभी कॉलेज के प्राचार्य मौजूद थे।