बिहार की राजधानी पटना में मेट्रो अभी निर्माणाधीन है ,मेट्रो के कुछ हिस्से भूमिगत होंगे और कुछ एलिवेटेड होंगे. राजधानी में पटना मेट्रो का अधिकांश इलाकों में भूमिगत होगा। पटना मेट्रो अंतरराज्जीय बस टर्मिनल पहाड़ी से कंकड़बाग के मलाही पकड़ी और सगुना मोड़ से गोला रोड एलिवेटेड ट्रैक से पर चलेगा. इसके बाद गोला रोड से मेट्रो भूमिगत होगा, जो पाटलिपुत्र स्टेशन, बेली रोड होते पटना जंक्शन को जोड़ेगा. पटना मेट्रो के एलिवेटेड राय की औसत ऊंचाई 13 मीटर और सतह से 150 फीट अंदर भूमिगत होगा.
राजधानी पटना में घनी आबादी को ध्यान में रखते हुए मेट्रो परियोजना की डिजाइन इस तरह बनाई गई है कि कम से कम जगहों पर भूमि अधिग्रहण की जरूरत पड़े. अधिकांश इलाके में सरकारी भूमि की जरूरत है. वही डिपो के लिए सबसे अधिक लगभग 75 एकड़ रैयती जमीन के अधिग्रहण प्रस्तावित है. पटना मेट्रो के दो कारिडोर में दानापुर कैंट टू से। पटना जंक्शन तक 17.9 किलोमीटर में लगभग 10.54 किलोमीटर तक मेट्रो भूमिगत होगा और सिर्फ 7.39 किलोमीटर एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण होगा.
इसी तरह, कारिडोर -2 में पटना जंक्शन से आकाशवाणी, गांधी मैदान, पीएमसीएच, एनआइटी, मोइनुलहक स्टेडियम, राजेंद्र नगर टर्मिनल, भूतनाथ रोड, जीरो माइल होते अंतरराज्जीय बस टर्मिनल तक 14 किलोमीटर में 7.93 किलोमीटर भूमिगत बनना है. और इसके अलावा बचे हुए 6 किलोमीटर का ट्रैक एलिवेटेड होगा। सबसे लंबा एलिवेटेड ट्रैक कंकड़बाग के मलाही पकड़ी से बस टर्मिनल तक होगा जिसमें 113 खंभों पर मेट्रो एलिवेटेड होगा और सबसे लंबा भूमिगत ट्रैक कंकड़बाग से राजेंद्र नगर टर्मिनल के बीच बनेगा1.