पटना मेट्रो परियोजना के एलिवेटेड रूट के साथ ही अंडरग्राउंड रूट पर काम शुरू हो गया है। फिलहाल सबसे ज्यादा ध्यान पटना जंक्शन से नवनिर्मित बस स्टैंड वाले रुट पर है। इस रास्ते में टोटल 12 स्टेशन है, जिनमें सात भूमिगत और पांच एलिवेटेड है। यह प्रायोरिटी कोरिडोर का भाग है, जो सबसे पहले प्रारंभ होना है। लंबे समय से इस एलिवेटेड रूट का काम चल रहा है। वहीं राजेंद्रनगर से आकाशवाणी तक अंडरग्राउंड रूट की आधारशिला रखी जा चुकी है, तेजी से इसे पूरा करने का लक्ष्य है।
पटना मेट्रो परियोजना के रूट प्लान के मुताबिक, दानापुर से पटना जंक्शन तक कोरिडोर-1 एवं कोरिडोर-2 पटना जंक्शन से न्यू आइएसबीटी तक है। दोनों रूट पर टोटल 26 स्टेशन हैं। इनमें खेमनीचक स्टेशन और पटना स्टेशन दोनों रूट से जुड़ा होगा। यानी इन दोनों स्टेशनों से मेट्रो पैसेंजर्स एक से दूसरे रूट का मेट्रो चेंज कर सकेंगे। पटना जंक्शन के नजदीक बनने वाला मेट्रो स्टेशन भूमि से आठ मीटर नीचे बनेगा। यहां दो प्लेटफार्म होंगे।
राजेंद्र नगर से आकाशवाणी तक जवान होने वाले पटना मेट्रो के कुल 6 अंडरग्राउंड स्टेशनों के लिए भूमि की परेशानी नहीं होगी। इन चार स्टेशनों को लेकर भूमि अधिग्रहण की दिक्कत थी, जो लगभग दूर हो गया है। राजेंद्र नगर और गांधी मैदान में मेट्रो स्टेशन निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। पीएमसीएच, और मोइनुल हक स्टेडियम और विश्वविद्यालय नजदीक बनने वाले मेट्रो स्टेशन संबंधित संस्थान परिसर में बनेगा। वहीं आकाशवाणी स्टेशन के लिए फ्रेजर रोड में आकाशवाणी और एलआइसी की लगभग 1574 वर्ग मीटर भूमि ली जा रही है। इसको लेकर और केंद्र सरकार के स्तर पर बातचीत संपन्न हो गई है।
पटना मेट्रो परियोजना में सिविल निर्माण के लिए लगभग 73 फीसद भूमि पहले से उपलब्ध थी। केवल 27 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण की जरूरत थी। इसमें से बहुत हिस्सा पूरा हो गया है। पटना मेट्रो डिपो के निर्माण के लिए 76.64 एकड़ जमीन के लिए भूमि अधिग्रहण जल्द पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद पटना मेट्रो के डिपो का निर्माण प्रारंभ होगा।