पटना मेट्रो परियोजना का काम जोरों शोरों से चल रहा है। अब खबर है कि शहर के मेट्रो स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग निर्माण किया जाएगा। स्टेशन को बनाने से लेकर उसके संचालित होने तक पर्यावरण और यात्रियों का पूरा ख्याल रखा जाएगा। निर्माण कार्य के दौरान पानी का रिसाइकिलिंग करके कई दफा इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें सार्वजनिक निचले स्थल, पाक और अन्य निर्माण कार्य में उपयोग होगा। निर्माण कार्य के दौरान हर कच्चा समान का इस्तेमाल किया जाएगा। स्टेशन पर जल और ऊर्जा संचयन की व्यवस्था रहेगी।
मेट्रो से सफर करने वाले यात्रियों को कैंटीन, चिकित्सा, साउंडप्रूफ सिस्टम, इमरजेंसी में आराम करने के लिए जगह सहित 18 तरह की सुविधाएं मिलेंगी। स्टेशन पर इलेक्ट्रिक और सोनल पैनल से रोशनी एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली के जरिए शुद्ध जल की व्यवस्था होगी। बता दें कि पटना में टोटल 26 मेट्रो स्टेशन बनाए जाने हैं जिनमें 13 स्टेशन भूमिगत होंगे। स्टेशन को पूरी तरह इको फ्रेंडली निर्माण किया जा रहा है। जीरो रॉ मटेरियल निकालने के लिए प्लान पर तेजी से काम चल रहा है। स्टेशन से निकलने वाले कचरों का पूरी तरह से उपयोग किया जाएगा।
इसमें कागज, प्लॉस्टिक को रिसाइकिल करके खिलौना, पैकेट, रस्सी और गिले कचरे से खाद सहित अन्य उपयोगी चीजों का उपयोग होगा। इसके साथ स्टेशन के अंदर के भाग तथा बाहरी दोनों स्थानों पर प्रदूषण मुक्त किया जाएगा। मेट्रो के द्वारा स्टेशन के भीतर के हिस्से में सफाई के साथ एयर क्वालिटी बनाए रखने हेतु सिक्यूरड उपाय किए जाएंगे।
मेट्रो स्टेशन निर्माण के समय निकलने वाले हर रॉ मेटिरियल का इस्तेमाल किया जाएगा। निर्माण में मिट्टी का उपयोग होगा। मेट्रो संचालन के समय वेस्ट पदार्थों से खाद फनेगा, खिलौना। यात्रियों को आराम, चिकित्सा और भोजन की पूरी सुविधा होगी। दिल्ली, बंगलौर, मुंबई, लखनऊ, कोलकता, गुरुग्राम सहित देश के विभिन्न हिस्से में चलने वाले मेट्रो की रैंकिंग होती है। इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल एवं ग्रीन मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के दौरान ही इसकी रैंकिंग होती है