पटना मेट्रो परियोजना के लिए दिल्ली मेट्रो के साथ 25 सितंबर, 2020 को समझौता हुआ है। इसके तहत पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के दानापुर से मीठापुर एवं पटना रेलवे स्टेशन से न्यू आईएसबीटी के बीच दोनों कॉरिडोर को 2024 के सितंबर तक पूरा करने का टारगेट रखा गया है। टोटल 31.39 किमी लंबी पटना मेट्रो का दानापुर से मीठापुर का दूरी 16.94 किमी, वहीं पटना रेलवे स्टेशन से न्यू आइएसबीटी कुल 14.45 किलोमीटर है।
मेट्रो परियोजना के लिए पूरी तरह दिल्ली मेट्रो जिम्मेदार है, जिसमें टेंडर, सिविल कामों के लिए ठेकेदारों का चयन, सिविल वर्क सिस्टम प्रणाली, सुरक्षा, एएफसी, सिग्नलिंग, इएंडएम, संचार व गुणवत्ता आदि शामिल है। पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए इकलौता डिपो पाटलिपुत्र बस टर्मिनल के नजदीक प्रस्तावित है। इसके लिए इन दिनों भूमि अधिग्रहण चल रहा है। दोनों कॉरिडोर पर खेमनीचक और पटना स्टेशन दो इंटरचेंज स्टेशन होंगे, जहां से दोनों मार्ग के लिए मेट्रो उपलब्ध होगी।
प्रायोरिटी कॉरिडोर में पाटलिपुत्र बस टर्मिनल से मलाही पकड़ी तक का एलिवेटेड सेक्शन शामिल है. इस 6.1 किलोमीटर के खंड में कुल पांच एलिवेटेड स्टेशन होंगे जिनमें पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, मलाही पकड़ी, जीरोमाइल, खेमनीचक और भूतनाथ रोड।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के एमडी विकास कुमार ने पिछले दिनों पटना का दौरा किया और उन्होंने पटना मेट्रो प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की। इस क्रम में उन्होंने पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के एमडी व नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर से भेंट कर अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा की। इस दौरान विशेष रूप से निजी जमीन का अधिग्रहण, जायका फंड टाइअप और अन्य फंड से जुड़े हुए मुद्दों पर चर्चा की गई।
पटना मेट्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार एमबी आनंद किशोर ने भरोसा दिया है कि डीपो की जमीन इस साल शीघ्र ही उपलब्ध कराई जाएगी। जायका फंड टाइमअप के लिए अध्ययन ग्रुप के साथ नियमित रूप से बैठक कर चर्चा जारी है। इसको लेकर जायका के साथ बातचीत का अंतिम दौर चल रहा है। उम्मीद है कि अगले साल के मार्च का कर्ज समझौते पर हस्ताक्षर हो जाएगा। बैठक के दौरान पटना मेट्रो के भूमिगत सेक्शन के समय पर बनाए जाने पर खास ध्यान देने पर जोर दिया गया। विदित हो कि डीएमआरसी की देखरेख में पटना मेट्रो परियोजना का काम चल रहा है।