पटना के लोगों के लिए अच्छी खबर है। सीएनजी गाड़ियों का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए गुड न्यूज है। 2023 के मार्च तक राजधानी पटना में 12 सीएनजी स्टेशन निर्माण की योजना भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड ने बनाई है। अगले वर्ष तक पटना में कुल 31 सीएनजी स्टेशन हो जाएंगे।
पटना एवं आसपास के क्षेत्र जैसे- फुलवारी शरीफ, खगौल और दानापुर में डीजल इंजन वाले ऑटो रिक्शा पर बैन लगाने के बाद से ड्राइवर पूरी तरह सीएनजी पर आश्रित हो गए हैं। सभी ऑटो को सीएनजी पर चलाने के लिए नियम लागू कर दिया गया है इसलिए 31 मार्च से ही जबरदस्त डिमांड हो रही है।
गेल-पटना के महाप्रबंधक एके सिन्हा बताते हैं कि डिमांड और आपूर्ति लगभग बराबर हो गई है। जरूरत पूरा करने और शहर में ईंधन स्टेशन पर लंबी कतार को कम करने के लिए शहर के इलाकों में 12 सीएनजी स्टेशन स्थापित करने का प्लान बनाया गया है। उन्होंने बताया कि पटना के गांधी मैदान, दानापुर, फुलवारीशरीफ में ट्रांसपोर्ट कॉम्प्लेक्स, कुर्जी, दीघा, गोला रोड, बांस घाट, सगुना मोड़ और बाईपास रोड पर बनेंगे।
उन्होंने बताया कि गांधी मैदान जैसे इलाके में सीएनजी स्टेशन स्थापित करने में कुछ ज्यादा चुनौतियां है, नाला रोड और कदम कुआं जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में सीएनजी की सप्लाई के लिए पाइप डालना असंभव है। ऐसे स्टेशनों पर बेटी स्टेशन कंप्रेसर की सुविधा होगी। इन स्टेशनों पर सिलेंडरों के नेट के जरिए सीएनजी लोगों के लिए सप्लाई होगी और गाड़ियों तक पहुंचाया जाएगा।
एके सिन्हा के अनुसार जीरो माइल पर एक स्टेशन बनकर तैयार है जिसे शुरू करने के लिए लाइसेंस का इंतजार हो रहा है जबकि 11 स्टेशन 2023 के मार्च तक बनकर तैयार हो जाएगा। वे बताते हैं कि स्वच्छ इंधन लोगों को मुहैया कराने के लिए राजधानी में हाई प्रेशर के लिए 70 किमी और एमडीपीई 350 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई गई है। पांच ऑनलाइन स्टेशन है जहां से सीधा पाइपलाइन जुड़ा है।
अधिकारियों की मानें तो रोजाना पटना में 60 से 65000 किलो सीएनजी की आपूर्ति होती है जो की डिमांड के लगभग बराबर है। उन्होंने कहा कि सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है तो दिमाग को पूरा करना भी एक चुनौती बनता जा रहा है। राजधानी में 24000 से ज्यादा सीएनजी गाड़ियां हैं। बता दें कि हल्दिया जगदीशपुर गैस लाइन पाइप लाइन के जरिए पटना में सीएनजी उपलब्ध होती है।