बिहार की राजधानी पटना में पीएमसीएच, एम्स और आईजीएमएस जैसे बड़े अस्पताल होने के बावजूद भी हड्डी रोग के रोगियों के उपचार के लिए दूसरे जगह भटकना पड़ रहा है। स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में हड्डी मरीजों के लिए अब राजधानी पटना में ही देश का सबसे बड़ा अस्पताल बनाया जाएगा। हड्डी रोग के अधिकतर मरीज आईजीएमएस और पीएमसीएच का रुख करते हैं किंतु उपचार नहीं हो पाता है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि यहा रोगियों के लिए बेड की कमी है।
हड्डी मरीजों के लिए बेड का अभाव देखते हुए राजवंशी नगर के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में 400 बेड की व्यवस्था की जा रही है। बता दें कि इसके बन जाने के बाद एलएनजेपी हड्डी रोग का देश का सबसे बड़ा हॉस्पिटल हो जाएगा यह हड्डी मरीजों का उपचार हो सकेगा। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बिहार चिकित्सा सेवा एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड को निर्माण कार्य का जिम्मा सौंपा गया है। राज्य का सबसे बड़ा हॉस्पिटल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल है। इसके बावजूद भी यहां हड्डी रोग के मरीजों के लिए केवल 80 बेड है।
मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन द्वारा पीएमसीएच में 300 बेडों की व्यवस्था की गई है। यहां हड्डी रोगियों के लिए केवल दो ऑपरेशन थिएटर है। मालूम हो कि इस अस्पताल को हड्डी रोग विशेषज्ञ हॉस्पिटलों में गिना जाता है। हड्डी रोग के 45 डॉक्टर के साथ ही 100 के आसपास नर्सिंग स्टाफ है। बावजूद इसके यहां हड्डी रोगियों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। एलएनजेपी अस्पताल में नई इमारत बन जाने के बाद हड्डी रोगियों के लिए 400 बेड़ों के साथ ही 10 ऑपरेशन थिएटर का निर्माण किया जाएगा। बड़ी संख्या में रोगियों का इलाज हो सकेगा।