राजधानी पटना में बिहार का पहला नन-कमर्शियल ब्लड बैंक बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका है। व्यापारी करण के दौर में मरीजों के लिए यह ब्लड बैंक वरदान साबित होगा। एक तरफ जहां जरूरतमंदों को ब्लड के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती है वहीं राज्य का पहला नन- कमर्शियल ब्लड बैंक नि: शुल्क में सारी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। यह पूरी तरह हीमोफिलिया और थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को समर्पित होगा।
मां वैष्णो देवी सेवा समिति ने ब्लड बैंक को बनाया है। हीमोफिलिया और थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को फ्री में बल्ड दिया जाएगा। जरूरतमंद लोगों को सरकारी रेट पर ब्लड उपलब्ध कराई जाएगी। आपातकालीन स्थिति में 4 से 6 घंटे के अंदर एक सौ से दो सौ यूनिट ब्लड उपलब्ध कराई जाएगी। 1 यूनिट ब्लड से तीन लोगों की जिंदगी संवारने की मां वैष्णो देवा समिति की मुहिम है। प्लेलेट्स के साथ प्लाज्मा और PRBC की भी सुविधा होगी।
बीते एक दशक से ऊपर से लोगों की जान बचा रहे मां वैष्णो देवी समिति के मुकेश हिसारिया ने बताया कि थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को जिन्हें हर 15 दिनों पर ब्लड की जरूरत होती है। उन्हें फ्री में बल्ड दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 300 बिजनस मैन का समूह साल 2009 से ही असहाय व पीड़ितों की सेवा में समर्पित है। ब्लड बैंक के नाम से जाने वाले मुकेश हिसारिया अब तक कई प्रतिष्ठित अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं। हाल ही में डिटॉल इंडिया ने कोविड काल में उत्कृष्ट सेवा के लिए देश भर के 100 लोगों की सूची में जगह दी है।
बता दें कि राज्य का यह पहला नन-कमर्शियल ब्लड बैंक होगा जो लाभ न कमाने के मकसद से सिर्फ जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित होगा। बिहार सरकार ने भी इस पहल की सराहना की है। मां ब्लड बैंक पहुंचे मंत्री नंदकिशोर यादव ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि समाजिक पुरोधा द्वारा बनाए गए मां बल्ड बैंक के जरिए लोगों को आसानी से ब्लड उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने सभी कर्मियों की प्रशंसा करते हुए आगे के लिए शुभकामनाएं दी हैं।