राजधानी पटना में डीजल से चलने वाली प्राइवेट बसों के जगह बिहार परिवहन विभाग अब सीएनजी बसें चलाएगी। इसको लेकर भी कवायद शुरू हो चुकी है। डीजल बसों के मालिकों को राज्य परिवहन विभाग अनुदान राशि देगी। शोरूम कीमत के आधा या अधिकतम साढ़े सात लाख रुपए तक राशि राज्य परिवहन विभाग देगी। परिवहन विभाग ने गुरुवार को इस सम्बन्ध में जरूरी दिशा निर्देश दे दिए हैं। पहले चरण में 50 प्राइवेट बसों को सीएनजी बसों में बदला जाने का टारगेट रखा गया है।
इस योजना के लिए 15वें वित्त आयोग के तहत पटना नगर निगम 3 करोड़ 75 लाख रुपए की राशि जिला अधिकारी को उपलब्ध कराएगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभुकों को घोषणा पत्र देना होगा जिसमें डीजल बसों के परिचालन को खत्म कर नई सीएनजी बसें चलानी होगी। विज्ञापन जारी कर दिए गए हैं, पटना डीटीओ के माध्यम से योजना का कार्यान्वयन होगा। नई सीएनजी बसों का पूरी तरह जांच पड़ताल के बाद ही अनुदान की राशि मिलेगी।
लाभुकों के जरूरी दस्तावेज में पुरानी डीजल बस का निबंधन प्रमाण पत्र, स्वीकृत परमिट, फिटनेस प्रमाण पत्र, बीमा प्रमाण पत्र, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र, नए सीएनजी बस का कोटेशन, आधार कार्ड, बैंक खाता के विवरण देने होंगे। बता दें कि सीएनजी बसों के रंग व डिजाइन एक ही किस्म का होगा जो परिवहन विभाग तय करेगी। पुरानी डीजल बसों को पटना के बाहर चलाना होगा।