राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित हाई-टेक म्यूजियम बत्तीसी डिजिटल प्रदर्शन वाला ‘बापू टावर’ 2023 के मई तक तैयार हो जाएगा। राजधानी के गर्दनीबाग इलाके में 78 करोड़ रुपए खर्च कर गेट पब्लिक लाइब्रेरी के नजदीक 10 एकड़ जमीन पर दो जी+5 इमारतें बनाई जा रही है। अधिकारियों की मानें तो दोनों भवनों का सिविल काम इस साल अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा क्योंकि 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
बापू टावर महात्मा गांधी के जीवन, ऐतिहासिक घटनाओं और स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण कहानियों को प्रदर्शित करेगा। बापू के कार्यों और विचारधारा को इंटरएक्टिव और डिजिटल माध्यम से प्रदर्शित करेगा। जबकि दूसरी भवन में सेमिनार हॉल, कार्यालयों, कैफेटेरिया, किताबों और स्मारिका दुकानों के लिए जगह होगी। म्यूजियम में बापू के महत्वपूर्ण संदेशों को प्रदर्शित किया जाएगा।
अधीक्षण अधिकारी पवन कुमार ने मीडिया को बताया कि मुख्य भवन में टॉप फ्लोर से शुरू होकर ग्राउंड फ्लोर तक लगभग 32 इंटरेक्टिव प्रदर्शन होंगे। उन्होंने बताया कि यहां आना और दर्शक गांधी के जीवन की तमाम घटनाओं को उनके शुरू से लेकर शिक्षा तक देखेंगे। उन्होंने कहा कि यहां आने वाले लोग बापू के जीवन की सभी महत्वपूर्ण घटनाओं को उनके जन्म से लेकर शिक्षा तक देखेंगे। उन घटनाओं को भी लोगों को दिखाया जाएगा जब उन्हें साउथ अफ्रीका में ट्रेन से नीचे फेंक दिया गया था और उन्होंने नस्लवादी शासन के विरुद्ध सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था।
एजेंसी के द्वारा प्रदर्शनी की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर लिया गया है। जल्द ही इसके लिए बोली शुरू की जाएगी। प्रदर्शनी भाग की अनुमति लागत तकरीबन 45 करोड़ है और टोटल परियोजना का कुल खर्च 129.45 करो रुपए है जिसमें उद्यान क्षेत्र और सिविल कार्य शामिल है। 120 फीट ऊंचाई में मुख्य इमारत गोल आकार में है। बता दें कि 2019 के नवंबर से निर्माण कार्य शुरू है, बीच में कोविड के कारण देरी हुई।