बिहार की सबसे बड़ी एलिवेटेड सड़क का निर्माण राजधानी पटना के कच्ची दरगाह से अनिसाबाद तक किया जाएगा। राज्य की सबसे बड़ी एलिवेटेड रोड 15 किलोमीटर लंबी होगी और इसे फोरलेन में मनाया जाएगा। सोमवार को पथ निर्माण मंत्री जी नवीन ने सड़क परियोजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक के बाद यह जानकारी आई। प्रोजेक्ट के मुख्य सेंटर में यह है कि इस परियोजना से ट्रैफिक का लोड कम आएगा। सर्वे के मुताबिक रोजाना 12 से 15 हजार गाड़ी इस मार्ग से होकर गुजरते हैं। यही वजह रहा है कि लोगों को 15 किलोमीटर का डिस्टेंस कवर करने में 2 घंटे का वक्त लग जाता है।
इस बारे में यह बताया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर बनने वाला इस एलिवेटेड सड़क को पीएम पैकेज में जगह दी जाएगी। इस सड़क का निर्माण रक्सौल-सोनबरसा के जगह किया जाएगा जिसमें 1500 करोड़ की लागत आएगी। इस परियोजना के लिए एनएचआई के द्वारा डीपीआर तैयार किया जाएगा। इस परियोजना को लेकर सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय गंभीर है। प्रदेश सरकार के स्तर पर नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट पेंडिंग है।
उधर, बिहार के 9 मेगा परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है। एनएचएआई के द्वारा इन प्रोजेक्ट के लिए विस्तार रूप से परियोजना रिपोर्ट बनाया गया था। इस बारे में बताया गया कि 9 प्रोजेक्ट के निर्माण को लेकर टेंडर की प्रक्रिया वित्तीय साल 2022-23 में पूरा किया जाएगा।
पथ निर्माण मंत्री के बैठक में यह बात भी सामने आया कि दानापुर-बिहटा एलिवेटेड सड़क परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। कुल 3477 करोड़ की की राशि खर्च कर 19.38 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाना है। इसी प्रकार पटना के शेरपुर से छपरा के दिघवारा तक गंगा नदी पर निर्माण होने वाले पुल के लिए जमीन अधिग्रहण पूरा हो चुका है। इस परियोजना पर कुल 5134 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी।
पटना की दो प्रोजेक्ट के अलावा प्रदेश के साथ दूसरे प्रोजेक्ट के लिए भी भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो गया है। इनमें मानिकपुर-साहेबगंज ((42.80 किमी) लागत 918.06 करोड़, अदलवाड़ी-मानिकपुर (40 किमी, लागत 846 करोड़, साहेबगंज-अरेराज (39.64 किमी) लागत 470.31 करोड़, बहादुरगंज-किशनगंज (23.08 किमी), चोरमा-बैरगनिया (37.03 किमी), लागत 597.71 करोड़, सिवान-मशरख (51.85 किमी) लागत 1350.75 करोड़ एवं सहरसा उमगांव (36.54 किमी) लागत 605 करोड़ शामिल है।