नेशनल हाईवे निर्माण में देरी को लेकर पटना उच्च न्यायालय ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है। हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि 31 मार्च 2023 तक पटना-गया-डोभी नेशनल हाईवे का निर्माण पूरा कर लें। एनएच निर्माण में जुटी कार्य एजेंसी को हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा है कि 2 से 4 सप्ताह के अंदर अवरोध मुक्त भूमि सड़क निर्माण के लिए उपलब्ध कराएं।
मंगलवार को पटना हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की। न्यायमूर्ति एस कुमार और न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल की खंडपीठ ने मामले में सभी पक्षों के हुए एडवोकेट, एनएच निर्माण कर रही कंपनी और एनएचआई के अफसरों को सड़क निर्माण काम कर मुआयना कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया। निर्माण कंपनी को पूरे संसाधन, मजदूर और मशीन लगाकर काम में तीव्रता लाने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा कि काम खत्म नहीं होने तक एनएचएआई को निर्माण कंपनी को एक रुपए नहीं देना है। अतिक्रमण हटाने के लिए हो रही कार्रवाई और उसमें आ रही दिक्कतों पर कोर्ट ने 19 मई को रिपोर्ट सौंपने को कहा है। सुनवाई में राज्य सरकार के द्वारा अंजलि कुमार ने न्यायालय को बताया कि तीन चरण में इस हाईवे का निर्माण होना है।
बता दें कि पटना से जहानाबाद, गया से डोभी और जहानाबाद से गया के बीच एक काम हो रहा है लेकिन काम की रफ्तार बेहद धीमी है। पिछले दाखवा कोर्ट ने सुनवाई में कहा था कि जिला प्रशासन भूमि अधिग्रहण मुआवजा की राशि में तेजी लाएं। निर्माण कंपनी से कोर्ट ने कहा कि काम की रफ्तार काफी स्लो है इसकी सुनवाई 19 मई को होगी। एनएच का निर्माण इसी वर्ष के दिसंबर के अंत तक होना था। मुआवजा विवाह गांव जमीन अधिग्रहण के वजह से इसमें विलंबता हुई। निर्माण में देरी होने पर कोर्ट ने पहले भी जिला प्रशासन और कंपनी को लताड़ लगा चुकी है।