बिहार में सरकार की ओर से कराए जाने वाली निर्माण कार्य में विलंब होना सामान्य बात है। केंद्र और प्रदेश सरकार के द्वारा चलाई जा रही कई प्रोजेक्ट्स के पूरे होने में सालों का समय लग जाता है। इन्हीं परियोजनाओं में से एक है पटना-गया-डोभी फोरलेन सड़क परियोजना। बता दें कि साल 2010 में ही पांच हजार करोड़ रुपए की लागत से सड़क का निर्माण शुरू हुआ था। लेकिन अब 2022 तक सड़क का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। सरकार की लापरवाही और निर्माण एजेंसी के सुस्त रवैया के वजह से 12 साल से भी ज्यादा का समय बीत गया है लेकिन सड़क बन नहीं सका है।
पटना हाईकोर्ट ने मामले में संज्ञान लिया उसके बाद सड़क निर्माण में काफी तेजी आई है। पटना-गया-डोभी फोरलेन सड़क निर्माण की पूरी मॉनिटरिंग पटना उच्च न्यायालय के द्वारा की जा रही है। वर्ष 2010 में काम बक्से पुराना होता देख लोगों की दिक्कतों के मद्देनजर पटना उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 2020 में दूसरे कंपनी को काम सौंपा गया था, जिसके बाद दिसंबर 2022 तक निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। सड़क निर्माण में हो रही विलंबता और पटना उच्च न्यायालय से फटकार लगने के बाद सरकारी स्तर पर निर्माण में तेजी लाई गई है।
पथ निर्माण विभाग के मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि केंद्र सरकार के मदद से इस योजना को जल्द ही पूरा किया जाए। इस सड़क के साइड लगभग 1500 एकड़ भूमि अधिग्रहण इंडस्ट्रियल क्षेत्र विकसित करने के लिए करने की योजना है। इसके साथ ही 9 बाईपास को पटना-गया-डोभी फोरलेन से जोड़ा जा रहा है। जल्द रेल ओवरब्रिज का निर्माण शुरू हो इसके लिए रेलवे से बातचीत का दौर जारी है।