राजधानी पटना वासियों को सरकार एक और नई सौगात देने जा रही है। मुंबई के मैरीन ड्राइव के तर्ज पर बनने वाले राजधानी के गंगा पथ निर्माण के लिए हुडको से कर्ज पर समझौता हो गया है। परियोजना का अधूरा काम को पूरा करने के लिए बिहार सरकार ने हुडको से 2000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है जिसके लिए मंगलवार को ही समझौता हुआ है। बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के निदेशक पंकज कुमार ने समझौते पर हस्ताक्षर किया। गंगा के किनारे बन रहे इस पुल से जाम की होने वाली समस्या से मुक्ति मिलेगी।
सड़क परियोजना के निर्माण की जिम्मेदारी बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपी गई है। 20.5 किलोमीटर लंबे फोर लेन सड़क में 11.7 किमी का ऊपरी हिस्सा एलिवेटेड रोड होगा। इस परियोजना के निर्माण में 3390 करोड़ रुपए की लागत आ रही है। बिहार सरकार 1390 करोड़ रूपए की राशि खर्च कर रही है जबकि बाकी की राशि 2000 करोड़ रुपए का कर्ज हाउसिंग अरबन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन से लेकर इसका निर्माण कार्य किया जाना है।
बता दें कि इस परियोजना का काम तीन चरणों में हो रहा है। 20.5 लंबी सड़क एलसीटी घाट, एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट, कृष्णा घाट, गायघाट, कंगन घाट और पटना घाट से होते हुए अशोक राजपथ से मिलेगी। हुडको से लिए गए कर्ज टॉल एवं राज्य के संसाधन से चुकाया जाएगा। इसी साल अगस्त में ही हुडको से कर्ज लेने पर बिहार सरकार ने अपनी मुहर लगा दी थी। इस परियोजना के पूरा होने से राजधानी वासियों को बेहद फायदा मिलने वाला है। अशोक राजपथ में रोजाना लगने वाली जाम की समस्या से निजात मिलेगी।