पुलिस सशक्तिकरण में ट्रेनिंग की सबसे अहम भूमिका है। इसके सभी विंग के लिए समुचित प्रशिक्षण की व्यवस्था के तहत स्पेशल प्रशिक्षण केंद्र बनाने की कवायद के तहत पटना के बिहटा में फायर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का निर्माण होगा। इस संबंध में गृह विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद निर्माण से जुड़ी प्रक्रिया एक से दो महीने के अंदर शुरू हो जाएगी।
कहा जा रहा है कि इसकी स्थापना में दो से 3 साल का वक्त लगेगा। फायरमैन में अपनी तरह का यह पहला आधुनिक ट्रेनिंग सेंटर बिहार में होगा, फायरमैन सहित अग्निशमन के सभी कर्मियों को आधुनिक रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। इस ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना में विशेष रूप से सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स की कंसल्टेंसी रहेगी।
बता दें कि बिहार में हर साल अगलगी की काफी घटनाएं घटित होती हैं। राज्य भर में 168 हॉट स्पॉट चयनित किए गये हैं, जहां गर्मी के दिनों में आग लगने की आशंका बनी रहती है। इस बाबत सभी संबंधित जिलों को चेतावनी जारी कर दी गई है। सबसे ज्यादा आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट होता है। इसके रोकथाम हेतु फायर ब्रिगेड के कर्मी व बिजली विभाग के इंजीनियर के साथ ही सभी महत्वपूर्ण भवनों का ऑडिट कराने का काम जारी है।
एलपीजी सिलेंडर से होने वाली आग की घटनाओं के रोकथाम हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में वृहद पैमाने पर जागरूकता चलाया जा रहा है। एक साल में 768 गैस गोदामों का ऑडिट किया जा रहा है। ग्रामीण अग्निकांड की रोकथाम हेतु कई स्तर पर लगातार मुहिम जारी है।
बिहटा में विशेष ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना हो जाने के बाद फायरमैन समेत ऐसे अन्य कर्मियों को ट्रेनिंग के लिए दूसरे राज्य जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बता दें कि बेहतर ट्रेनिंग के लिए राज्य से अब तक लगभग 400 फायरमैन को दूसरे जगहों पर भेजा जा चुका है। यहां के कर्मियों को नागपुर के एनएफएससी, हैदराबाद स्थित एनआइएसए और दिल्ली के फायर सेफ्टी मैनेजमेंट एकेडमी संस्थान में ट्रेनिंग के लिए जाना होता है। विशेष रुप से ट्रेनिंग पर फोकस किया जा रहा है, इस लिहाज से यह ट्रेनिंग सेंटर कई मायनों में बेहद खास है।