राजधानी पटना के लोकनायक गंगा पाथवे को बनाने का काम इन दिनों युद्ध स्तर पर जारी है। अभी गंगा पाथवे का उद्घाटन नहीं हुआ है, लेकिन दीघा बाजार में होने वाले जाम से बचने के लिए लोगों ने इस पर आवागमन शुरू कर दिया है। लोग दीघा से 3.25 किमी की दूरी पूरा कर एलसीटी घाट पहुंच रहे हैं। यहां बने डायवर्शन में राजा पुल के पश्चिम दिशा में महावीर वात्सल्य के सामने अशोक राजपथ पर निकल जाते हैं। यहां निकलने के बाद लोग कुर्जी और बोरिंग कैनाल रोड की तरफ निकल रहे हैं।
बिहार स्टेट पुल कारपोरेशन के अधिकारियों ने बताया कि आगामी दो सप्ताह के भीतर काम पूरा करने का टास्क एजेंसी को दिया गया है। गुरुवार को पुल निर्माण का अवलोकन किया गया। जेपी सेतु के 150 मीटर पूरब की तरफ 50 मीटर का गोलंबर निर्माण, राजापुर पुल पर टोल 500 मीटर के क्षेत्र में ढलाई और एनएन सिन्हा इंस्टीट्यूट की तरफ जाने वाले डायवर्सन पर ढलाई, गिट्टी-मोरम बिछाने और पीएमसीएच के निकट कनेक्टिंग का कार्य चल रहा था।
अगले सप्ताह तक गांधी मैदान से गंगा पाथवे जुड़ जाएगा। इसके बाद दीघा से गांधी मैदान तक गाड़ियों का आवागमन में शुरू हो जाएगा। उधार दीघा से एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट तक स्ट्रीट लाइट का काम हो चुका है। अलकतरा का काम लास्ट दौर में है। दीघा रोटरी और जेपी सेतु के मध्य रेलवे द्वारा गाइड बांध का निर्माण किया गया है। इसको हटाने के लिए बीएसआरडीसी ने रेलवे से अनुमति मांगी है। जेपी सेतु का डेढ़ सौ मीटर पूरब की ओर 50 मीटर गोलाकार गोलंबर बन रहा है। गोलंबर को अटल पथ से जोड़ने का काम जोरों शोरों से चल रहा है। अटल फेज टू का 75 फीसद काम पूरा हो गया है। पिचिंग का काम अंतिम दौर में है।
दीघा से दीदारगंज तक गंगा पाथवे कुल 20.5 किमी लंबी है। इसमें स्लैब चढ़ाने का कार्य 10.2 किमी तक पूर्ण हो गया है। दीघा से पीएमसीएच का डिस्टेंस 7.5 किमी है। इसकी कनेक्टिविटी प्रदान करने हेतु अप्रोच सह सर्विस रोड का निर्माण जारी है। इसे 30 जून तक पूरा करने का टारगेट है। इसके बाद 12.5 किमी पर गायघाट के निकट साल के अंत में कनेक्टिविटी मिलेगी।
दीघा से एनएन सिन्हा इंस्टीट्यूट तक चार जगहों पर फुट ओवरब्रिज और बस बेज की सुविधा मिलेगी। इनमें जेपी कुर्जी, सेतु गोलंबर, बांसघाट और राजापुर पुल शामिल हैं। दीघा से एनएन सिन्हा इंस्टीट्यूट तक पाथवे की दोनों ओर 60 हजार पौधे लगाए जाएंगे। इसके लिए मिट्टी भराई का काम पूरा हो गया है।