राजधानी पटना की सड़कों पर नई 125 सीएनजी बसें चलेंगी। इनमें 75 बीएसआरटीसी की बसें होंगी जबकि 50 निजी सिटीराइड बसें होंगी। 125 बसों में 100 नॉन एसी व बाकी 25 एसी बसें होंगी। इसी महीने के आखिर तक इनका परिचालन शुरू हो जाएगा। शहर में परिचालित हो रहे प्राइवेट सिटीराइड बसों को 50-50 के चरणों में बाहर किया जाएगा। बता दें कि वर्तमान में शहर में 365 प्राइवेट सिटीराइड बसें चल रही हैं। आठ चरणों में इनको शहर से बाहर किया जाएगा। 50 सिटी बसों को चयन पहले चरण के लिए हो चुका है, सरकार इसके लिए सब्सिडी देगी।
बता दें कि नई सीएनजी बसें खरीदने के लिए हर चयनित डीजल बस मालिकों को सरकार 7.5 लाख रुपए अनुदान देती है। एक सीएनजी बस खरीदने में 25 से 30 लाख रुपए लगते हैं। ऐसे में पीली सिटीराइ बस सेवा से जुड़े 85 बस मालिकों ने पटना परिवहन दफ्तर को डीजल सीएनजी कन्वर्जन वाले सब्सिडी के लिए एप्लीकेशन दिया था।
डीटीओ श्रीप्रकाश ने जानकारी दी कि 50 बसों का चयन पहले चरण में किया गया है और इनके लिए 3 करोड़ 75 लाख का अनुदान स्वीकृत हो चुका है। कई बस मालिकों ने तो बसों का ऑर्डर भी दे दिया है और ऑर्डर की कुछ बसें तो राजधानी में पहुंच भी चुकी हैं। अब अनुदान की रकम मिला कर बस के खरीदार को रकम चुकता करना है और अपने अधिकार में बस लेना है। यह प्रकिया होली के बाद शुरू हो जाएगी।
गत महीने 75 सीएनजी बसों का टेंडर बीएसआरटीसी ने निकाला था जो पूर्ण हो चुका है और अब आगे की प्रक्रिया चल रही है। दो महीने का वक्त बसों के द्वारा सप्लाई ऑर्डर को पूरा करने में लगेगा। इस तरह अगले ढाई- तीन महीने में बीएसआरटीसी की ये 75 नई बसों की सौगात मिल जाएगी। मालूम हो कि पहले से ही 70 सीएनजी बसें पटना की सड़कों पर चल रही है और बेली रोड रुट से अपनी सभी डीजल बसों को बीएसआरटीसी ने हटा लिया है। इन नई सीएनजी बसों के आने से शेष 50 डीजल बसों को भी पटना शहर से बाहर करने में बीएसआरटीसी सफल रहेगा।