पटना से झारखंड की राजधानी रांची के बीच बरकाकाना-सिधवार-सांकी रूट होते हुए अक्टूबर महीने तक नया रेल रूट ऑपरेशनल हो जाएगा। फिलहाल तीव्र गति से काम जारी है। धनबाद डिवीजन के एक अधिकारी ने बताया कि 2 महीने के अंदर काम पूर्ण हो जाएगा। इसके बाद सीआरएस मुआयना करेंगे। बताया जा रहा है कि अक्टूबर माह तक इस नए रेल मार्ग से ट्रेन आवाजाही को मंजूरी मिल जाएगी। नया रूट से परिचालन शुरू होने से 40 किलोमीटर दूरी पटना-रांची के बीच कम हो जाएगी।
इसके साथ ही गोमो में विलंब तक तकनीकी ठहराव से ट्रेनों को निजात मिल जाएगी। नए रेल रूट में सिधवार व सांकी के बीच 25 किलोमीटर के क्षेत्र में पटरी बिछाने और पहाड़ों के बीच सुरंग निर्माण का काम अंतिम चरण में है। इस साल के बजट में बाकी काम को पूरा करने 55 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। नया रूट से ट्रेन परिचालन शुरू हो जाने के बाद पटना से रांची के बीच संचालित होने वाली ट्रेन गोमो गए बिना ही कोडरमा से डायरेक्ट हजारीबाग और बरकाकाना के रास्ते रांची निकल जाएगी।
यात्रियों को सुरंगों के बीच से गुजरती ट्रेन खूबसूरत और प्राकृतिक दृश्यों के साथ सफर का रोमांच काफी आनंद से भरा होगा। तीन सुरंगों से होकर नई रेल रुट गुजरेगी। पिछले साल ही हजारीबाग से कोडरमा तक रेल परिचालन शुरू हो गया है। इस प्रोजेक्ट की अगली कड़ी में हजारीबाग से बरकाकाना एवं बरकाकाना से रांची के मध्य की रेल लाइन का काम अंतिम चरण में है। सुरंगों से गुजरने के बाद ट्रेन को दो पहाड़ियों के बीच से होकर गुजरना होगा।
बता दें कि रांची के लिए पटना से जो ट्रेन चलती है उसमें 18625 पूर्णिया-हटिया एक्सप्रेस, 18623 इस्लामपुर-हटिया एक्सप्रेस, 12365 रांची जनशताब्दी और 18621 पाटलिपुत्र एक्सप्रेस शामिल है। रोजाना लगभग 9 से 10 हजार लोग पटना से रांची आते-जाते हैं। बता दें कि सुरंग टी वन की लंबाई 600 मीटर है, सुरंग टी टू 1080 मीटर लंबी है जबकि सुरंग टी थ्री 600 मीटर लंबी है।
बता दें कि फिलहाल मूवी के बाद वेस्ट बंगाल के कई स्टेशनों से होकर बोकाराे-गोमो, कोडरमा व उससे आगे तक की सफर के बाद ट्रेन रांची पहुंचती है। नया रूट से परिचालन शुरू हो जाने के बाद रांची मुरी बोकारों और गया कोडरमा सेक्शन का ट्रैफिक लोड कम जाएगा। रेलवे सूत्रों के मुताबिक बिहार के साथ ही झारखंड से उत्तर भारत और उड़ीसा की और आवागमन करने वाली माल गाड़ियों को इस नए रेल रूट से गुजरना होगा।