पटना के जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट को देश में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के टोटल सात एयरपोर्टों में से एक के रूप में चयन हुआ है। राजधानी के इस एयरपोर्ट को काउंसिल इंटरनेशनल- एयरपोर्ट सर्विस क्वालिटी (एएसक्यू) सर्वेक्षण 2021 के तहत ‘वॉयस ऑफ द कस्टमर’ मान्यता में जगह दी गई है। बता दें कि एसीआई उन हवाई अड्डों को पहचानने के लिए ‘वॉयस ऑफ द कस्टमर’ पहल को शुरू किया है जो अपने यात्रियों को प्राथमिकता देते हुए और यह निश्चित करने के लिए कटिबद्ध हैं कि उनकी आवाज सुनी जाए, यहां तक कि चल रहे कोविड पीरियड में भी।
बता दें कि इस साल विश्व भर में 200 से ज्यादा हवाई अड्डों को मान्यता दी गई है। एएआई ने जिन छह और हवाई अड्डों को ‘वॉयस ऑफ द कस्टमर’ के लिए सेलेक्ट किया है, उनमें चेन्नई, कोलकाता, गोवा, पुणे, भुवनेश्वर और चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम शामिल हैं। बता दें कि ASQ सर्वेक्षण विश्व प्रसिद्ध वैश्विक बेंचमार्किंग प्रोग्राम है जो यात्रियों की संतुष्टि को आंकता है।
ASQ विश्व भर के उन एयरपोर्ट को मान्यता देते हैं जो बेहतरीन ग्राहक एक्सपीरियंस ‘वॉयस ऑफ द कस्टमर’ मान्यता ASQ अवार्डों से अलग है, जिसकी घोषणा मार्च माह में की जाएगी। बता दें कि ‘वॉयस ऑफ द कस्टमर’ के प्राप्तकर्ता होने के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए, एक एयरपोर्ट को एएसक्यू कार्यक्रम के जरिए तीन या अधिक चौथाई डेटा इकट्ठा करने की जरूरत होती है।
जयप्रकाश इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निदेशक भूपेश सीएच नेगी ने नए उपलब्धि पर टाइम्स न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा की यह हमारे लिए गौरव का पल है क्योंकि अच्छे ग्राहक प्रबंधन के हमारे कोशिशों को विश्व स्तर पर पहचान मिली है। हमने वर्तमान टर्मिनल के विस्तार सहित यात्रियों के एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई कदम उठाए हैं। आगे बढ़ते हुए, हम एंट्री और एग्जिट दोनों क्षेत्रों में वॉशरूम स्पेस का विस्तार कर रहे हैं।’ निदेशक ने बताया कि गत तिमाही में पटना हवाई अड्डे की एएसक्यू रेटिंग 4.6 के आसपास थी।
सूत्रों की मानें तो, जयप्रकाश एयरपोर्ट की एएसक्यू रेटिंग में अतीत में कई आधारों पर बहुत हद तक सुधार हुआ है, जिसमें खरीदारी की सुविधा, एटीएम सुविधाओं की एबिलिटी, रेस्तरां और खाने की सुविधा, सामान की डिलीवरी की गति और मनी चेंजर शामिल हैं। कंज्यूमर्स की संतुष्टि में सुधार के साथ ही शहर के हवाई अड्डे पर एक नए टर्मिनल भवन का निर्माण कार्य जारी है। बता दें कि 2023 के दिसंबर तक बनाने का लक्ष्य है, इसके बनने के बाद हर साल यात्री क्षमता संचालन क्षमता 50 लाख से बढ़कर 80 लाख हो जाएगी।