आने वाले नए साल में बिजली उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ सकती है। बिहार की विद्युत कंपनियां साउथ और नॉर्थ बिहार पावर डिसटीब्यूशन कंपनी ने बिजली की कीमतों में वृद्धि को लेकर प्रस्ताव दिया है जिस पर 13 जनवरी के दिन जन सुनवाई शुरू होगी। सबसे अहम बात यह है कि शहरी क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं को दो स्लैब में बिजली की कीमतें वसूला जाएगा। फिक्स चार्ज में 10 प्रतिशत और बिजली दरों में 15 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव भेजा गया है।
बता दें कि साल 2019 तक स्लैब की संख्या 4 थी जिसे घटकर 2020 में 3 कर दिया गया था। जिसे अब घटाकर दो स्लैब करना है। शहरी का पहला स्लैव शून्य से 100 यूनिट और दूसरा 101 से अधिक यूनिट का है और ग्रामीण क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं के लिए तीन स्लैव हैं। अभी तीनों स्लैव में पहला स्लैव शून्य से 50 यूनिट, दूसरा 51 से 100 यूनिट और तीसरा 101 से अधिक यूनिट का है।
उद्यमियों को राहत देने के लिए बिजली कंपनियों ने नया स्लैब तैयार किया है। बड़े उद्योगों को एचटीआईएस वर्ग में रखा जाएगा। जो उद्योग पहले एचटीएस श्रेणी में शामिल था। इसी श्रेणी में मॉल, अस्पताल सहित अन्य बड़े उपभोक्ता भी शामिल हैं। श्रेणी अलग किए जाने के बाद बड़े उद्योग को राहत देने के लिए अलग से डेटा लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
बता दें लोड फैक्टर में छोटो उद्योग को साउथ बिहार और नॉथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने आयोग को दिए गए प्रस्ताव में राहत दी है। इसमें 30 फीसदी लोड फैक्टर वाले उपभोक्ता को 10 पैसा प्रति यूनिट रिबेट मिलेगा। वर्तमान समय में 70 फ़ीसदी लोड फैक्टर वाले कंज्यूमर को 30 पैसा और 50 फ़ीसदी लोड फैक्टर वाले कंज्यूमर को 20 फ़ीसदी प्रति यूनिट रिवेट मिल रही है।