आज यानी 11 अक्टूबर को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत की पहली इथेनॉल चालित कार को पेश कर दिया है। लांचिंग के समय केंद्रीय पर्यावरण मामले के मंत्री भूपेंद्र यादव मौजूद रहे। देश में दिन-प्रतिदिन हो रही डीजल और पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद इस कार को विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। इस कार के लॉन्च होने के बाद लोगों को थोड़ी सी राहत मिलेगी। केंद्र सरकार की कोशिश है कि एथेनेल को पेट्रोल डीजल के विकल्प के तौर पर लाया जाए।
इस कार के नियम मार्केट में लॉन्च होने के बाद लोगों को इसका लाभ मिलेगा क्योंकि यह बेहद सस्ता और किफायती होगा, साथ ही पर्यावरण के दृष्टिकोण से लाभ होगा। इंडिया में इस कार को टोयोटा ने पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत फ्लेक्सी-फ्यूल स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक गाड़ियों के रूप में लॉन्च किया है।
फ्लेक्स-फ्यूल गाड़ी इथेनॉल से चलते हैं, गन्ने की चीनी तथा मक्के जैसी सामग्री से इथेनॉल को स्थायी रूप से बनाया जाता है। इसलिए यह इथेनॉल को विदेशी पेट्रोलियम खरीदने का एक बेहतर विकल्प बनाता है। इसके अतिरिक्त देश के किसानों को गन्ने का वाजिब मूल्य प्राप्त करने में सहयोग मिलेगा।
इथेनॉल को वैकल्पिक ईंधन के रूप में देखा जा रहा है, इसकी प्राइस 60 से 62 रुपये प्रति लीटर है जबकि देश के कई हिस्सों में पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 100 रुपये से अधिक है, इसलिए इसके के उपयोग से लोगों को 30 से 35 रुपये प्रति लीटर रुपए की बचत होगी।
फ्लेक्स फ्यूल पेट्रोल के अलावा इथेनॉल या फिर मेथेनॉल के मिश्रण से तैयार होता है। फ्लेक्स फ्यूल गाड़ियों के इंजन को दो या इससे अधिक ईंधन से चलाने के लिए उसमें कुछ तकनीकी रूप से बदलाव करने की जरूरत होती है। इसका इंजन पूरी तरह से ईथनॉल या पेट्रोल पर काम करता है। ब्राजील, कनाडा और अमेरिका जैसे विकसित देशों में इस तकनीक से चलने वाले वाहनों का उपयोग किया जा रहा है।