भारतीय रेलवे ने 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड तक 13 जोड़ी ट्रेनों को चलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए ट्रेनों को रेलवे ने नॉमिनेट भी कर दिया है। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने से सबसे अधिक दिल्ली से मुंबई के बीच सफर करने वाले यात्रियों को होगा। 23 में से 12 जोड़ी ट्रेनें आवागमन के दौरान मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से होते हुए गुजरेंगी। राजधानी श्रेणी की 5, शताब्दी की 3, संपर्कक्रांति के साथ ही पंजाबमेल, केरल तथा एक दुरंतो ट्रेनें ऐसी हैं जो भोपाल में हाल्ट लेते हुए जाती हैं।
पंजाब मेल ट्रेन से दिल्ली से मुंबई के बीच यात्रा के दौरान में लोगों का डेढ़ घंटे तक का समय बचेगा। विभिन्न डेस्टीनेशन के लिए चलने वाली ट्रेनों का ओवरऑल एक से डेढ़ घंटे का वक्त सितंबर के दूसरे हफ्ते से बचना शुरू होगा। रेल मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि अगस्त में इनका आधिकारिक अधिसूचना कर बचने वाले समय के बारे में जानकारी दी जाएगी।
हाल ही में रेल मंत्रालय ने स्पीड फोर्स यूनिट गठित की है। इसमें ट्रेनों के आवागमन रूट के 5 से अधिक मंडलों के अधिकारियों को शामिल किया गया है। यह अधिकारी ट्रेनों की रफ्तार को 130 से 100 साल तक पहुंचाने के दौरान निरंतर निगरानी करेंगे और जिन सेक्शनों में निरंतर एक ही रफ्तार में ट्रेनों को चलाने में दिक्कत आएगी, उनके संदर्भ में सुझाव भी देंगे।
वहीं पश्चिम-मध्य रेल जोन के स्पोक्सपर्सन राहुल जयपुरियार कहते हैं कि रेलवे का पूरा ध्यान ट्रेनों को हाई रफ्तार पर चलाकर सफर समय में कमी लाना है। समय की बचत होने होने के बाद रेल मंत्रालय का प्लान है की डिमांड वाले मार्ग पर फिलहाल चल रही ट्रेनों के समानांतर या फिर आसपास के समय पर कुछ ट्रेनों का परिचालन किया जाए। इससे यात्रियों को सुविधा होगी। सबसे विशेष बात यह है कि रेलवे का इस वर्ष के आखिर तक ट्रेनों की रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे करने का टारगेट है। इसके तहत रेलवे का ट्रैक, हाई स्पीड इंजन और ट्रेन के माध्यम से ट्रेनों की रफ्तार से चलाने पर काम शुरू हो गया है।