दरभंगा से समस्तीपुर के बीच 38 किलोमीटर लंबी रेल खंड के दोहरीकरण काम 7 साल के बाद भी पूरा नहीं हो सका है। रेलवे ने लक्ष्य रखा था कि 31 जुलाई तक दोहरीकरण का काम पूरा हो जाएगा। लेकिन नहीं हो पाया। तीसरे चरण के तहत 18 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के दोहरीकरण का काम जारी है। जानकारी हो कि साल 2015 में 519 करोड़ रुपए खर्च कर दो ही कारण काम की शुरुआत की गई, जिसमें पुल और रेलवे ट्रैक के लिए 28 करोड़ एवं 491 करोड़ रूपए इलेक्ट्रिक वायरिंग के लिए आवंटित की गई थी।
बता दें कि 3 साल के अंदर इस काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। मगर 7 वर्षों में 38 किमी की इस योजना पर 20 किलोमीटर का ही सफर रेलवे ने तय कर पाया है। जबकि काम को अविलंब पूरा करने के लिए योजना को तीन फेज में बांटा गया था। रेलवे के निर्माण विभाग के द्वारा इस मार्ग पर पहले फेज में समस्तीपुर से किशनपुर तक 10.50 किलोमीटर, दूसरे फेज में दरभंगा से थलवारा तक 9.50 किमी में दोहरीकरण का काम पूरा हुआ है।
फिलहाल तीसरे फेज में किशनपुर से तलवाड़ा तक 18 किमी में लाइन बिछाने का काम पूर्ण हो गया है लेकिन इंजीनियरिंग विभाग के द्वारा परीक्षण पूरा नहीं हो सका है जिस पर फिलहाल काम जारी है। 31 जुलाई तक इन दोनों स्टेशनों के बीच काम को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित था। इसके बावजूद भी रेलवे 15 अगस्त से ट्रेन परिचालन शुरू होने की बात कह रही है।
रेलवे के निर्माण विभाग के अधिकारी कहते हैं कि हर परिस्थिति में 15 अगस्त से पहले अधूरे काम को पूरा किया जाएगा। फिलहाल पुराने पुलों से ही ट्रेनें आ जा रही हैं। नई रेल लाइन पर निर्मित 9 पुलों का निर्माण अंतिम दौर में है। इन पुलों का निर्माण पूरा हो जाने के बाद ट्रायल होगा। फिर ट्रेन का परिचालन शुरू होगा। कहां जा रहा है कि नहीं रेल मार्ग पर ट्रेन परिचालन शुरू में जाने के बाद पुरानी रेल लाइन के पुलों का निर्माण काम होगा। समस्तीपुर से दरभंगा दोहरीकरण को लेकर फिलहाल तीसरे फेज में किशनपुर से थलवारा तक रेलवे लाइन बिछाने का काम पूरा हो गया है।
लेकिन विभाग ने ट्रेन परिचालन की मंजूरी नहीं दी है, जिसके चलते नई रूट पर ट्रेनों का आवागमन शुरू नहीं हुआ है। पूर्व मध्य रेलवे समस्तीपुर के डीआरएम अग्रवाल ने बताया कि किशनपुर से थलवारा तक रेलवे ट्रैक का निर्माण पूरा हो गया है। नई रेलवे रूट पर 15 अगस्त से ट्रेनें दौड़ने लगेंगी।