बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने घोषणा की है कि दरभंगा में मिथिला हाट बनेगा। इसके लिए मोहनपुर के तालाब का सौंदर्यीकरण होगा। तालाब के चारों ओर दुकाने बनेगी और फव्वारा लगेगा। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा। मखाना का कपड़ा कलस्टर दरभंगा में तैयार हो गया है, इसके लिए दो करोड़ रुपए उद्योग विभाग ने आवंटित कर दिया है। बता दें कि शाहनवाज हुसैन दरभंगा में उद्योग स्थापित करने एवं विभाग की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक कर रहे थे।
उद्योग मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना एवं मुख्यमंत्री अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना के अंतर्गत 594 लाभार्थियों का चयन हुआ है। 80 लाभार्थियों का ट्रेनिंग आर-सेटी द्वारा करवाया गया। प्रशिक्षण के बाद उन्हें सरकार 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद करेगी, जिसमें 5 लाख रूपए सब्सिडी के रूप में शामिल है।
उद्योग मंत्री ने कहा कि दरभंगा में एयरपोर्ट बन जाने से एक टेक्सटाइल उद्योग का हब दरभंगा बनने जा रहा है। इसके लिए अनेकों उधमी संपर्क कर रहे हैं। यहां मखाना, वस्त्र उद्योग, जूस और खाद्य प्रसंस्करण की काफी संभावनाएं हैं। इसके लिए जमीन खोजा जा रहा है। मुजफ्फरपुर और पूर्णिया जिले में इथेनाल उद्योग शुरू हो गया है अब दरभंगा और भागलपुर की बारी है।
बैठक में जिले के डीएम राजीव रोशन के आदेश पर उद्योग विकास के अधिकारी नंदकिशोर यादव ने पावर प्वाइंट प्रस्तुतीकरण के जरिए 1 करोड़ 57 लाख की राशि से बन रहे जिला उद्योग केंद्र भवन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 40 लाख रुपए खर्च कर सामान्य सुविधा केंद्र भवन का निर्माण हुआ है। इसके अलावा ट्रेनिंग एवं टूल्स सेंटर भवन का निर्माण हो रहा है।
उन्होंने जानकारी दी कि साल 2020-21 में तय लक्ष्य के जगह 104 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 310.04 लाख रुपए ऋण उपलब्ध कराए गए हैं। जबकि 2021-22 मैं सो के जगा 134 लाभार्थियों को कर्ज उपलब्ध कराया गया है। साल 250 में 250 लोगों को योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के बारे में जानकारी दी गई कि सफलता पूर्ण तरीके से उद्यमी अपने उद्योग चला रहे हैं। इनमें लकड़ी के फर्नीचर, पेभर ब्लाक, आइसक्रीम, मसाला जैसे उद्योग सफलता पूर्वक चल रहे हैं। औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना के अंतर्गत दूसरे गांव से आए प्रवासी मजदूरों के लिए पांच क्लस्टर का निर्माण किया गया है। जिनमें एक रेडीमेड, दो मखाना, एक मिथिला पेंटिंग, एक पेभर ब्लाक और एक वस्त्र क्लस्टर कार्यरत है।