अगर आप ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन या ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यू कराने जा रहे हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नई ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने तथा उन्हें रिन्यू कराने के लिए नए नियम बनाए हैं नए नियमों के तहत कहा गया है कि ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए आरटीओ जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
नए नियमों के तहत अब आप किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। जिसके बाद लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदक को मान्यता प्राप्त ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र में टेस्ट से गुजरना पड़ेगा। यदि आवेदक केंद्रों पर सफलतापूर्वक ड्राइविंग टेस्ट पास करने में सक्षम हो जाते हैं, तो उन्हें परिवहन कार्यालय के अंतर्गत होने वाले ड्राइविंग टेस्ट देने से छूट दी जाएगी।
ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का यह नया नियम को 1 जुलाई 2021 से लागू किया जाएगा। परिवहन सड़क और राजमार्ग मंत्रालय अब निजी ड्राइविंग प्रशिक्षण स्कूलों को इस दिशा में आगे कार्य करने की अनुमति देगा। निजी ड्राइविंग प्रशिक्षण स्कूलों को राज्य परिवहन प्राधिकरण या केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्रदान की गई है। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अब आवेदन से लेकर उन्हें छपाई तक की प्रक्रिया अब ऑनलाइन हो गई है।
लर्निंग लाइसेंस
लर्निंग लाइसेंस के लिए ड्राइविंग कोर्स दो भागों में बैठी होती है प्रैक्टिकल और थ्योरी जिसकी कुल अवधि 29 घंटे की होती है, जिसमें प्रैक्टिकल 21 घंटे और छोरी 8 घंटे की होती है ड्राइविंग कोर्स शुरू होने के बाद 4 हफ्ते के अंदर प्रशिक्षण का पूरा होना अनिवार्य है। इसके बाद लिया जाने वाला ड्राइविंग टेस्ट इसी 29 घंटे की कोर्स पर आधारित होता है।
ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र
नए नियमों के अनुसार मोटर साइकिल, तीन पहिया एवं हल्के मोटर वाहनों वाले प्रशिक्षण केंद्र के लिए मान्यता प्राप्त करने के लिए कम से कम एक एकड़ और भारी वाहनों का प्रशिक्षण केंद्र के लिए कम से कम 2 एकड़ जमीन अनिवार्य होगा। वर्तमान में चालक प्रशिक्षण केंद्रों को 5 साल की मान्यता दी जाएगी और 5 साल बाद तत्कालीन नियमों के अनुसार चालक प्रशिक्षण केंद्रों की मान्यता बढ़ाई जाएगी।
आपको बता दें कि ड्राइविंग इंस्ट्रक्टर बनने के लिए 12वीं पास और कम से कम 5 साल का ड्राइविंग का अनुभव अनिवार्य होगा। परिवहन मंत्रालय ने कहा है कि वाहन प्रशिक्षण केंद्र के लिए वैसे ही केंद्रों को मान्यता दी जाएगी जो ड्राइविंग ट्रैक, बायोमेट्रिक सिस्टम और आईटी के मानदंडों को पूरा करते है और निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार ही ड्राइविंग टेस्ट लेते हैं।