झंझारपुर-लौकहा रेलखंड के बड़ी रेलरुट पर 5 वर्ष के बाद ट्रेन चली। वहीं रेलगाड़ी की आवाज सुन सैकड़ों ग्रामीण रेल ट्रैक की तरफ दौड़ पड़े। कहा जाता है कि श ट्रैक पर बिछने वाला पत्थर लेकर पहली दफा मालगाड़ी पहुंची। मालगाड़ी के तमाम डिब्बे से रेल ट्रैक पर मजदूरों ने पत्थर को गिराया। रेल विभाग के अनुसार महरैल रेलवे स्टेशन तक रेलगाड़ी पहुंचाने का टारगेट निर्धारित किया गया है।
झंझारपुर से महरैल की दुरी 7 किमी है जिसमें अभी तक तकरीबन 4 किमी में ही पटरी बिछाई गई है। वहीं 4 किलोमीटर के बीच रामचौक के नजदीक फिलहाल रेल ट्रैक नहीं बिछाई गई है। जबकि 43 किलोमीटर की दूरी झंझारपुर से लौकहा रेलवे स्टेशन की है। इसमें 7 बड़े पुल तथा 64 छोटे पुल है। इसमें कई पुल बन गया है तो कुछ बन रहा है।
इसके साथ ही 5 स्टेशन और 3 हाॅल्ट बन गया है लेकिन कई कार्य फिलहाल शेष है। झंझारपुर लौकहा रेलखंड के मध्य झंझारपुर जंक्शन के पश्चात झंझारपुर बाजार हाॅल्ट, चंदेश्वर स्थान हाॅल्ट, महरैल रेलवे स्टेशन, वाचस्पति नगर स्टेशन, लौकहा स्टेशन बडहारा हाॅल्ट, खुटौना स्टेशन शामिल है।