मिजोरम की राजधानी आइजोल के रहने वाले 19 साल के जेरेमी लालरिनुंगा ने इतिहास रच दिया है। मिजोरम के आईजोल में 26 अक्टूबर 2002 में जन्में जेरेमी लालरिनुंगा ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 प्रतियोगिता में देश को दूसरा स्वर्ण पदक जिताया है। जेरेमी ने स्वर्ण पदक अपने नाम करने के लिए क्लीन एंड जर्क में 160 किलोग्राम और स्नैच में 140 किलोग्राम भार उठाया।
बता दें कि जेरेमी लालरिनुंगा के पापा का नाम लालमैथुआवा हैं। जेरेमी के पापा नेशनल लेवल के बॉक्सर थे, जेरेमी ने केवल छह साल की आयुम में अपने पिता के देखरेख में अपना प्रशिक्षण एक मुक्केबाज के रूप में शुरू किया था। फिर उन्होंने 10 साल की आयु में वेटलिफ्टिंग शुरू की। जेरेमी ने कोच विजय शर्मा से ट्रेनिंग लिया फिर पुणे के आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण लेनी शुरू कर दी थी। जेरेमी लालरिनुंगा इंडियन आर्मी में नायब सूबेदार हैं।
जेरेमी लालरिनुंगा साल 2018 में यूथ ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं, वे 2021 कॉमनवेल्थ प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। 2018 युवा ओलंपिक में जेरेमी की आयु केवल 15 साल ही थी। इस प्रतियोगिता में उन्होंने कुल 274 किलोग्राम भार उठाया था और अपने नाम स्वर्ण पदक किया था। भारत के ऐसे पहले पुरुष एथलीट बन चुके हैं, जिन्होंने बर्मिंघम में गोल्ड मेडल जीता है।
जेरेमी लालरिनुंगा ने कॉमनवेल्थ प्रतियोगिता 2022 में सफलता अर्जित करने के बाद कहा है कि मैं अपनी प्रदर्शन से इतनी खुश नहीं हो क्योंकि मुझे आशा थी कि मैं इससे ज्यादा प्रदर्शन करूंगा। 67 किलोग्राम की कैटेगरी में मेरा अंतिम कंपटीशन है, मगर 300 किलोग्राम भी ठीक हैं, क्योंकि हमारे देश ने स्वर्ण मेडल जीता है।