दीघा सेतु के समानांतर 7.89 किलोमीटर लंबी और सिक्स लेन वाले एक्स्ट्रा डोज केबल ब्रिज निर्माण के लिए केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने परियोजना कार्यान्वयन यूनिट बना ली है। इस पीआईयऊ एक असिस्टेंट इंजीनियर एक एक्जीक्यूटिव इंजीनियरिंग की पोस्टिंग की गई है। मंत्रालय का प्लान है कि मौसम के अगले 3 महीने में सभी कागजी प्रक्रिया को पूरी कर ली जाए।
तकनीकी मंजूरी जैसे भूमि अधिग्रहण से संबंधित 3ए का प्रकाशन कर दिया गया है। निर्माण शुरू होने से पूर्व तमाम गतिविधियां शुरू हो गई हैं। इनलैंड वॉटरवेज ऑथोरिटी ऑफ इंडिया से अनापत्ति प्रमाण पत्र ले लिया गया है। रेलवे और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से एनओसी लेने के लिए अप्लाई किया गया है। इस माह डीपीआर के साथ ही पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड में प्रस्ताव दिया जाएगा।
मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि आने वाले 3 महीने में पर्यावरणीय मंजूरी सहित अन्य तकनीकी स्वीकृति पूरी कर दिसंबर के पूर्व टेंडर जारी करने का लक्ष्य निर्धारित है। मौजूदा वित्तीय वर्ष 2022-23 कि राष्ट्रीय राजमार्ग की वार्षिक योजना को स्वीकृत कर लिया गया है। टोटल 6795 करोड़ रुपए की इस योजना में नए ब्रिज निर्माण के लिए 2200 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं
यह ब्रिज पटना से बेतिया तक नए नेशनल हाईवे-139 का हिस्सा है। पटना एम्स के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-139 से शुरू होकर सोनपुर, मानिकपुर-साहेबगंज-अरेराज के रास्ते बेतिया के पास नेशनल हाईवे-727 तक यह सड़क जाएगा। 115 किलोमीटर लंबा या नेशनल हाईवे नेपाल के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर तक जाएगा जो बुद्धा सर्किट का अहम हिस्सा होगा।
नया ब्रिज निर्माण के पीछे कहा जा रहा है कि ब्रिज के लिए एक्स्ट्रा जमीन की जरूरत कम से कम होगी क्योंकि मौजूदा जेपी सेतु के दोनों और सिक्स लेन और फोरलेन एप्रोच रोड बनकर तैयार है। सिर्फ ब्रिज का निर्माण होगा जिसके लिए भूमि अधिग्रहण के लिए मशक्कत नहीं करनी होगी। भारत सरकार ने भारत माला प्रोजेक्ट के तहत अलाइव रिची की स्वीकृति देकर उत्तर बिहार से पटना की ओर आने वाली बड़ी आबादी के लिए रास्ता आसान कर दिया है।