देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा यूपीएससी को क्लियर करने में जहां अभ्यर्थी कोचिंग क्लासेस में वर्षों तैयारी करते हैं। इसके बावजूद भी कई अभ्यर्थियों को निराशा हाथ लगती है लेकिन आदर्श शुक्ला अब यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए आदर्श बन गए हैैं। बिना कोई कोचिंग क्लासेज जॉइन किए ही घर में रहकर 7 से 8 घंटे पढ़ाई करने वाले आदर्श ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी में सफलता पाई है। 22 साल की उम्र में आदर्श आईपीएस अफसर बनेंगे। पिता के सपनों को साकार करने वाले आदर्श की कहानी हर किसी को पढ़नी चाहिए।
आदर्श शुक्ला यूपी के बाराबंकी जिले से आते हैं। आदर्श पढ़ाई में शुरू से ही होनहार छात्र रहे हैं। मैट्रिक में पूरे यूपी में आदर्श ने छठा रैंक हासिल किया था। बारहवीं में 93.4 प्रतिशत अंक प्राप्त की। लखनऊ के नेशनल पीजी कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान वह गोल्ड मेडलिस्ट रहें। आदर्श के पिता निजी कंपनी में एकाउंटेंट की नौकरी करते हैं।
पिता भी सिविल सर्विसेज में जाना चाहते थे लेकिन उन्होंने अपने बेटे को सिविल सेवक बनाकर अपना सपना पूरा किया। आदर्श भी शुरू से ही सिविल सर्विसेज में जाना चाहते थे। साल 2018 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कंप्लीट करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। कोरोना काल के चलते सब कुछ प्रभावित हुआ। परीक्षा की तारीख में बदलाव हुए लेकिन आदर्श बिना कोचिंग क्लासेस जॉइन किए ही घर में सात से आठ घंटे तक पढ़ाई को जारी रखा।
आदर्श ने यूपीएससी की परीक्षा दी। हाल ही में यूपीएससी साल 2020 के घोषित नतीजे में आदर्श ने 149वीं रैंक हासिल की। आदर्श ने 22 साल की उम्र में ही यह कामयाबी पाई है। अब उन्हें आईपीएस अधिकारी बनाया जाएगा। आदर्श इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं। आदर्श बताते हैं कि यूपीएससी इंटरव्यू को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। वहां एकदम कंफर्टेबल तरीके से पर्सनल लाइफ और हॉबीज के बारे में सवाल पूछे जाते हैं।