बिहार में इन दिनों पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज है। युवा चेहरे के हाथों गांव की सरकार बनाने का ट्रेंड जारी है। बीते दिन बिहार पंचायत चुनाव के आठवें चरण के नतीजे घोषित हुए। मतदाता मालिकों ने कई पुराने जनप्रतिनिधियों को सिरे से खारिज कर दिया है तो कई जगह नए युवा चेहरे के हाथों पंचायत के विकास की कमान सौंपी हैं। ग्रेजुएशन की छात्रा अंजनी कुमारी ने भी महज 22 साल की उम्र में मुखिया का चुनाव जीतकर नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है। 11 महिला प्रत्याशियों के बीच अंजनी एकमात्र एससी कैंडिडेट हैं जिन्हें जनता ने पंचायत के विकास की कमान सौंपी है।
छपरा के बनियापुर के रामधनाव पंचायत से अंजनी ने निकटतम प्रतिद्वंदी आयशा देवी को 314 वोटों से हराकर मुखिया पद का चुनाव जीता है। अंजनी के पक्ष में कुल 1653 लोगों ने मतदान किया। 22 साल की उम्र में अंजनी जिले की सबसे कम उम्र की मुखिया बन गई है। जयप्रकाश विश्वविद्यालय में बीए पार्ट वन की छात्रा अंजनी नेटवर्क मार्केटिंग का भी काम करती है। चाचा प्रभुनाथ मांझी सामाजिक कार्यकर्ता है उन्होंने कहा कि रामधनाव पंचायत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित था। कुल 11 प्रत्याशी मैदान में थे। इसके बावजूद अनुसूचित जाति की एकमात्र महिला कैंडिडेट अंजनी पर लोगों ने भरोसा जताया है।
जीत के बाद अंजलि ने इसका श्रेय अपने चाचा प्रभुनाथ मांझी को देते हुए कहा कि पंचायत की जनता ने मुझ पर जो विश्वास जताया है, उस पर खड़ी उतरूंगी। पंचायत का चौतरफा विकास ही मेरा लक्ष्य है। सबसे कम उम्र की मुखिया होने के नाते युवा सोच के साथ पंचायत का आधुनिक विकास मेरी पहली प्राथमिकता होगी। युवा सोच और अनुभवी सलाह के साथ रामधनाव पंचायत को जिले में सर्वोच्च करने के लिए दिनरात एक कर दूंगी।
Source- Dainik Bhaskar