बिहार में चार एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है। राज्य के 38 जिलों में से लगभग 28 जिले एक दूसरे से जुड़ जाएंगे। सबसे बड़ा एक्सप्रेस पर गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक जाने वाला एक्सप्रेस वे है जो राज्य के 10 जिलों से होकर गुजरेगा। मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने एक्सप्रेस-वे बनाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सड़क निर्माण को साकार करने के लिए पथ निर्माण विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। लगभग 600 किलोमीटर लंबा इस एक्सप्रेसवे का अधिकांश हिस्सा बिहार के कई जिलों से होकर गुजरेगा। 600 किलोमीटर लंबी एक्सप्रेसवे का तकरीबन 416 किलोमीटर हिस्सा बिहार में होगा।
गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक बनने वाले एक्सप्रेस वे से सर्वप्रथम या एक्सप्रेस में गोपालगंज में दाखिल होगा। उसके बाद सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज जिले से गुजरते हुए सिलीगुड़ी तक सफर तय करेगा। इसके बनने से बिहार को यूपी और बंगाल के बीच आवागमन सुलभ होने के साथ ही कारोबार के नए रास्ते भी खुलेंगे। ग्रीन फील्ड के तहत इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा। खबरों की मानें तो किसी भी पुरानी रोड को इस एक्सप्रेस वे में शामिल नहीं किया जाएगा। इसके अतिरिक्त राज्य में तीन और नए एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं।
औरंगाबाद जयनगर एक्सप्रेसवे- औरंगाबाद के मदनपुर से शुरू होने वाला ये फोरलेन रोड गया एयरपोर्ट के निकट से होते हुए जीटी रोड को भी बेहतर संपर्कता प्रदान करेगी। गया से जहानाबाद और नालंदा के सीमा से होते हुए राजधानी में कच्ची दरगाह में आएगी। यहां से बिदुपुर के बीच सिक्स लेन लेन पुल से चकसिकंदर, महुआ के पूरब होते हुए ताजपुर तक जाएगी। वहां से दरभंगा एयरपोर्ट के निकट गुजरते हुए जयनगर में बीमा समाप्त होगी। 271 किलोमीटर लंबी सड़क औरंगाबाद से जयनगर तक होगी। पटना सहित राज्य के 6 जिलों से होकर गुजरेगी।
बिहार का तीसरा एक्सप्रेसवे बक्सर से भागलपुर तक बनेगा। वर्तमान समय में बक्सर से दिल्ली तक पूर्वांचल एक्सप्रेसवे बन रहा है। 350 किलोमीटर लंबाई वाली पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को भागलपुर से जोड़ा जाएगा। एक्सप्रेस-वे को गंगा नदी के सभी पुलों से जोड़ा जाएगा ताकि राज्य की सड़क संपर्कता में और बेहतर कनेक्टिविटी हो।
54 हजार करोड़ रुपए खर्च कर 695 किलोमीटर लंबी राज्य का दूसरा एक्सप्रेस-वे का निर्माण अगले साल से शुरू होने जा रहा है। राज्य के रक्सौल से हल्दिया तक बनने वाला एक्सप्रेस में सिक्स और आठ लेन तक बनाया जाएगा। बिहार के 9 जिले से होकर गुजरने वाली सड़क ग्रीन फील्ड का हिस्सा होगा।