उत्तर बिहार को डायरेक्ट उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए गंडक नदी पर 11.24 किमी लंबा पुल का निर्माण होगा। यह भारत का सबसे लंबा नदी पुल होगा। बेतिया के भरपटिया के एनएच-727 से यूपी के कुशीनगर के पडरौना में एनएच-730 को कनेक्ट करने वाले प्रस्तावित चार लेन में यह पुल बनेगा। इसकी सैद्धांतिक स्वीकृति सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से मिल गई है। अब निविदा की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी।
पुल निर्माण निगम के बढ़िया परियोजना अभियंता राम मोहन सिंह ने कहा कि पुल निर्माण की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। आगे की कार्रवाई हेतु सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजा गया है। पुल निर्माण हेतु टेंडर निकालने का प्रोसेस शुरू होगा। निविदा की प्रक्रिया पूर्ण होते ही पुल का निर्माण शुरू होगा।
बता दें कि असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर निर्मित भूपेन हजारिका सेतु या ढोला- सदिया सेतु देश का सबसे लम्बा नदी पुल है। इसका शुभारंभ 26 मई 2017 को पीएम नरेन्द्र मोदी ने किया था। यह 9.15 किमी (5.69 मील) लंबी है। गंडक पर प्रस्तावित पुल निर्माण के पश्चात यह भूपेन हजारिका पुल से 2.09 किमी ज्यादा लंबा होगा। गंडक पर निर्माण होने वाला पुल चार लेन का होगा, जबकि भूपेन हजारिका सेतु दो लेन का है। बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड कार्य प्रमंडल मोतिहारी चंपारण, सेतु सह सड़क निर्माण के कार्य की देखरेख करेगा।
पुल निर्माण निगम के असिस्टेंट इंजीनियर साकेत राज और नवनीत कुमार कौशिक ने जानकारी दी कि नए पुल के निर्माण होने से आसपास के तमाम छोटे-छोटे बाजार बेतिया से डायरेक्ट तौर पर जुड़ेंगे। सीमावर्ती यूपी के व्यवसाई दोनों प्रदेशों के बाजार का फायदा उठा पाएंगे। दियारा में आवाजाही सुलभ होगा। इससे वहां खेती की उम्मीदें बढ़ेगी और लगभग 15000 एकड़ से ज्यादा का बेकार पड़ा जमीन पर खेती हो पाएगा।