केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है जिससे बिहार के मखाना उत्पादक किसानों को बेहद फायदा होने वाला है। अब किसानों को उन्नत किस्म के बीज के लिए दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ेगी। अत्याधिक उपज वाले और सबसे अधिक मांग वाले प्रमाणित बीज को बेचने के लिए केंद्र सरकार ने अनुमति दे दी है। केंद्र सरकार के इस फैसले से मखाना उत्पादन में इजाफा होगा वहीं किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी। दूसरी तरफ मिथिला के मकानों को जीआई टैग देने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। जीआई टैग मिलने से मखाना के उत्पाद में तेजी होने की उम्मीद है।
बिहार के कृषि सचिव डॉक्टर इन सरवन कुमार ने कुछ समय पहले ही इस बात की जानकारी केंद्र सरकार को दी थी कि मखाना किसानों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली बीच अधिसूचित कर दिया है।उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने बीज अधिनियम के अंतर्गत सबौर मखाना-1 के बीच को कृषि प्रयोजन के लिए बिक्री किए जाने पर राजपत्र में अधिसूचना जारी कर दी गई है। सबौर मखाना-1 का बीज किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
बता दें कि हर साल 6000 टन मखाना का उत्पादन बिहार में होता है। विश्व में होने वाले मखाना का उत्पादन में अकेले 85 प्रतिशत बिहार करती है। मिथिला मखाना को जीआई टैग बहुत जल्द मिलने वाला है। हाल ही में दिल्ली से आए हुए अधिकारियों ने पटना में मिथिला मखाना उत्पादक के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर विस्तार रूप से इस संबंध में विचार विमर्श किया था।