सरकारी और निजी सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी आने वाली है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार 1 जुलाई से लेबर कोड के नियमों को लागू करना चाहती थी। लेकिन राज्य सरकारों के तैयार नहीं होने के कारण अब लेबर कोड को एक अक्टूबर से लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। अगर लेबर कोड के नियमों को लागू किया जाता है तो कर्मचारियों की बेसिक वेतन जो कि अभी 15000 रुपये है वो बढ़कर 21000 रुपये हो सकती है।
नए ड्राफ्ट रूल के अनुसार किन नियमों में होगा तो, मूल वेतन कुल वेतन का 50% या अधिक होना चाहिए। इससे ज्यादातर कर्मचारियों की वेतन के स्ट्रक्चर में बदलाव होगा। बेसिक सैलरी बढ़ने से PF और ग्रेच्युटी के लिए कटौती बढ़ जाएगा। क्योंकि PF में जानें वाला पैसा बेसिक सैलरी के अनुपात में काटता है।
यूनियन की मांग
बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी के कारण टेक होम सैलेरी में कम हो सकता है पर पीएफ और ग्रेच्युटी जो कि रिटायरमेंट के बाद मिलेगा वह बढ़ जाएगा टेक होम सैलेरी कम ना हो इसलिए लेबर यूनियन की मांग थी कि न्यूनतम बेसिक सैलरी को बढ़ाकर कम से कम 21000 रुपये किया जाए ताकि पीएफ और ग्रेच्युटी में पैसा कटने के बाद भी सैलरी के रूप में घर आने वाला पैसा कम ना हो।
बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी के बाद रिटायरमेंट के बाद मिलने वाला पैसा निश्चित रूप से बढ़ेगा। पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़ने से कंपनियों की लागत में भी वृद्धि होगी। क्योंकि कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए पीएफ में ज्यादा योगदान देना पड़ेगा। जिस वजह से कंपनियों की बैलेंस शीट भी प्रभावित होगी।
केंद्र सरकार नए लेबर कोड नियमों को 1 अप्रैल, 2021 से लागू करना चाहती थी लेकिन राज्यों की तैयारी न होने और कंपनियों को एचआर पॉलिसी बदलने के लिए ज्यादा समय देने के कारण इन्हें टाल दिया गया। लेबर मिनिस्ट्री के मुताबिक सरकार लेबर कोड के नियमों को 1 जुलाई से नोटिफाई करना चाहती थी पर अब भी कुछ राज्यों ने इन नियमों को लागू करने के लिए और समय मांगा है अब अक्टूबर में इसके लागू होने की संभावना है।