कर्ज में डूबी सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को Tata Sons खरीद सकती है। इंडिया खरीदने की रेस में टाटा सबसे आगे है, खबरों की मानें तो इसकी बोली को जिला गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाली मंत्रियों के समूह ने स्वीकृति नहीं दी है। टाटा संस व स्पाइसजेट के ओरिजनेटर अजय सिंह ने कुछ दिनों पहले ही एयर इंडिया की बोली को खोला था। बुधवार को हुए कैबिनेट सचिव की मीटिंग में पुन: इन्वेस्टमेंट पर सचिवों के मुख्य समूह ने जांच पड़ताल की. आरक्षित निर्धारित मूल्य के मुकाबले बोलियों का मूल्यांकन किया गया, जिसमें टाटा की बोली सबसे आगे है।
खबर यह है, कि एयर इंडिया के प्राइवेटाइजेशन को लेकर अमित शाह के अगुवाई में मंत्रियों के समूह के सामने इसे रखा जाएगा। हालांकि वित्त मंत्रालय और टाटा संस ने इस तरह के किसी भी खबरों पर सफाई देने से मना किया है। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने मीडिया के इस फैसले को गलत करार दिया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है, कि सरकार ने अभी तक एयर इंडिया के बीच वो बोली को मंजूरी नहीं दी है।
बता दें कि एयरलाइन की स्थापना साल 1932 में जहांगीर रतनजी दादाभाई ने की थी, उस दौर में इस कंपनी को टाटा एयरलाइंस के नाम से जाना जाता था। साल 1935 में भारत सरकार ने इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया। गौरतलब हो कि सरकार एयरलाइन में 100 फीसद की हिस्सेदारी बेच रही है।