एयर इंडिया की घर वापसी का समय आ गया है। महज 2 दिन के बाद यानी 27 जनवरी को कर्ज में डूबी एअर इंडिया को टाटा ग्रुप के जिम्मे सौंपी जाएगी। समझौते की बची हुई औपचारिकताएं अगले कुछ दिनों में पूरी हो जाएगी। एयर इंडिया की मालिकाना हक होने जा रही टाटा संस के पास अब तीन एयरलाइंस हो गई है। पहले से विस्तारा और एयर एशिया में टाटा ग्रुप की हिस्सेदारी है। एविएशन सेक्टर के मामले में टाटा संस बड़ी कंपनी बन गई है।
बता दें कि एयर इंडिया के कर्मियों को एक मेल करके कंपनी के फाइनेंस डायरेक्टर विनोद हेजमादी ने कहा है कि बैलेंस शीट आज बंद कर दी जाएगी। टाटा को इसका समीक्षा करना है कोई बदलाव अगर होती है, तो उसे 26 जनवरी तक किया जा सकता है।
बता दें कि बीते साल 8 अक्टूबर 2021 को एयर इंडिया की नीलामी में टाटा ग्रुप ने जीत लिया था। इसके बाद से ही प्राइवेट लिमिटेड Talace को एयर इंडिया सौंपने की तैयारी जोरों पर है। यह टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है। 18 हजार करोड़ रुपए में टाटा ने समझौता किया था। हमारे पास हस्ताक्षर 25 अक्टूबर को हुए थे।
सरकार के अनुसार, एयर इंडिया पर 31 अगस्त 2021 तक कुल 61,562 करोड़ रुपए का कर्ज था। टाटा ने 15,300 करोड़ का भुगतान कर कर्ज घटा दिया है। इस कर्ज को भुगतान करने के बाद अब एयर इंडिया को भारत सरकार को 46,262 करोड़ रुपए और चुकाने होंगे।
बता दें कि जेआरडी टाटा ने 1932 में एयर इंडिया को सबसे पहले टाटा एयरलाइंस के नाम से लांच किया था। 1946 में इसका नाम बदलकर एयर इंडिया रख दिया गया। सरकार ने 1954 में एयर इंडिया को खरीद कर उसका राष्ट्रीयकरण कर दिया। सभी कंपनियों का मर्ज कर दो कंपनियों में बांट दिया गया। विदेश सेवा के लिए एयर इंडिया और घरेलू उड़ान के लिए इंडियन एयरलाइंस कर दिया गया। आजादी के दौरान देश में 9 छोटी-बड़ी एयरलाइन कंपनियां थी।